Friday 24 October 2014

नगर निकाय चुनाव - 2014

सोचे-समझें। कृपया पढ़े-पढ़ावें ।

नगर निकाय चुनाव - 2014

सफल चुनाव जन जागरूकता अभियान
  • राजस्थान के 184 नगरों में से 43 नगर निकायों के चुनाव प्रस्तावित है। चित्तौड़गढ़ जिले की 3 नगर निकायों के चुनाव होने है  (1) शहर चित्तौड़ (2) शहर निम्बाहेड़ा (3) शहर रावतभाटा।
  • आदरणीय नगरवासियों से सप्रेम अपील है कि 100 फीसदी चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर अपनी पसन्द के योग्य उम्मीद्वारों को चुनकर तीनों नगर निकायों के चुनावों को सफल बनावें।

कौन बने उम्मीदवार और किसे चुने ?
ऐसे योग्य, चरित्रवान, ईमानदार, शिक्षित, ज्ञानी और चुस्त-दुरूस्त, पुरूष-महिला अपनी उम्मीदवारी पेश करें जो उम्मीदवार निम्न प्रकार की विशेष योग्यताएँ रखता हो और केवल पार्टी हित व पार्टी में दबदबे को छोड़कर लोकहित में पूर्ण योग्यता के आधार पर चयन हो। महान पवित्र लोकतंत्र का सही मतलब समझ कर लोकतंत्र के पूर्ण सिद्धान्तों को अपना कर उन पर चलने में पूर्ण विश्वास रखता हो। 
  1. उम्मीदवार को वार्ड, शहर की संस्कृति, सभ्यता, सुविधाएँ, असुविधाएँ और हर प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ण जानकारी हों और अपने क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति व्यवहार कुशल रहकर मधुर संबंध रखता हो तथा परस्पर वार्ड-शहर के लोग भी उसे चाहते हों। 
  2. आर्थिक रूप से दमदार हो तथा घर परिवार की कोई विशेष जिम्मेदारी उस पर नहीं हो जो नगर सेवक के सक्रियता से कार्य करने में बाधित बनें। 
  3. शहरी समाज, शासन, प्रशासन व नगर निकाय के सभी अन्य जनप्रतिनिधियों से अच्छे संबंध बनाकर शहरी विकास के सभी कार्य श्रेष्ठ गुणवत्तापूर्वक करवाने का सामर्थ्य रखता हो। अतिक्रमण हटाने व भूमाफियों के दबाव में नहीं आने में सक्षम हो। 
  4. अपने क्षेत्र की साफ सुथरी सड़कें, गलियां व नालियों तथा सुव्यवस्थित रोशनी ढंग से रखवाने में सक्षम हो। कचरा प्रबन्धन ठीक तरह करवा प्रदूषण रोक पावे। आवारा पशुओं पर नियंत्रण करा पावे। मोहल्ले, सेक्टर की साफ सफाई रखवाना अपना पहला दायित्व समझे। स्वच्छ भारत अभियान में बिना हिचकिचाहट के बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने में सक्षम हो। 
  5. शहर से निकलते नदी-नालों की सफाई व्यवसथा व सौन्दर्यता बनाने व बनाये रखने में पूर्ण सहयोग करे। चित्तौड़गढ़ की यमुना (गंभीरी) और गंगा (बेड़च) को विशेषकर साफ सुथरी और सौन्दर्यवान बनाने का संकल्प लें ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। 
  6. नगर विकास संबंधी प्रचलित कानून व नियमों का पूर्ण ज्ञान हो व आवश्यकतानुसार उनमें सुधार व नये न्यायिक कानून नियम बनवाने का सामर्थ्य हो। 
  7. व्यक्तिगत, पारिवारिक, सगे संबंधियों और मित्रगण की चल-अचल संपति को कानूनवनियम के विरूद्धगलत तरीकों से बढ़ावा देने की लालसा नहीं रखे। “जीरो टोलरेन्स भ्रष्टाचार'' के सिद्धान्त को मानकर मजबूत शहरी नीतियां और प्लान बनवा उन्हें क्रियान्वयन में लाये। 
  8. चुनाव के उपरान्त दिन प्रतिदिन वार्ड, शहरवासियों से स्वयं मिल उनकी समस्याओं का अनुकलन कर समाधान निकालें।
  9. नगर निकाय की प्रत्येक मीटिंग में उपस्थित रहे वरचनात्मक चर्चा में शिष्टाचारपूर्वक पूर्ण जिम्मेदारी और गंभीरता से भाग लें। 
  10. कथनी व करनी में अन्तर नहीं रखे। व्यक्तिगत, सामाजिक व राजनीतिक भेदभाव से दूर रहकर उच्च मानवता के सिद्धान्तों को अपनाते हुए जनहित में कार्य करें।वार्ड व शहरवासियों के सार्वजनिक कार्यों में सहयोग लेने की क्षमता रखते हुए उन्हें प्रेरणापूर्वक प्रोत्साहन दें। हर कार्य में पारदर्शिता का परिचय दें।




Friday 10 October 2014

सड़क सुधार जागरूकता

सिनेमा टीवी ने बिगाड़ा माहौल, पढ़ाई लिखाई हो गई गोल ।
समाज का पीट गया ढोल, खुल गई सियायत की बड़ी पोल।

सुनो! हम सड़कों की खरी खोटी दुखी आवाज

"हम सड़को की हुई बद से बदतर हालत, जनमानस विचारा रोया
खा झटके पटके हम बीमारू सड़को पर, साहस धैर्य आप खोया
रिश्वत कमीशनरबोरी व लापरवाही का क्या बुरा जाल-हम सड़को का हुआ बडा बुरा हाल
हम सड़कों का महत्व: मोहल्ले गांव शहर से लेकर प्रदेश देश के विकास व आमजन की सुविधा और खुशहाली की हम सड़के भाग्य रेखायें और बेक बोन(रीढ़ की हड्डी) होती है। रिश्वत, कमीशनखोरी, लापरवाही, माल में मिलावट और भ्रष्टाचारियों की बेहद निजी लालची माफिया चाल की वजह से हमारीअत्यंत दुर्दशा बनी हुई है, जिससे हरेक वाहन फड़फड़ाता हुआ और वाहन चालक तथा राहगीर रोता,डरता, घबराता हुआ हम सड़कों पर से गुजरता है। टोल सड़क ठीक हैं लेकिन उनमें भी कमियां है। ग्रामीण-शहरी सड़कों की प्लानिंग से लेकर डिजाईन, मटेरियल निर्माण, देखरेख,सुरक्षा व प्रबंधन में सबस्तर पर कमियां है।
हम सड़कों की उबड़-खाबड़, नीची सतह, घटिया मटेरियल, जानलेवा गहरे खड्डे, कमर तोड स्फीड ब्रेकर, तलवार-चाकुनुमा धार की तरह नुकिले कटिले टेढ़े-मेढे किनारे, टेढ़ी-मेढ़ी छोटे मोटे तीखे पत्थर और कच्ची मिट्टी से सनी उबड़-खाबड़ पट्टी पठार, संकड़े मकड़े बिना रेलिंग के खतरनाक काजवे व पुलिया व पुल, पैड़ों के अभाव में तेज धूपववत् से जलता कटता हम सड़कों का कमजोर ढांचा, शहर के गली सड़कों पर पाईपलाइन बिछानेसे बेशुमार कट्स, खुलीनालीयां, बार बार घटिया उबड़ खाबड़ पेचवर्क और मरहमपट्टी, ऊपर से उजाड, आवारा पशुओं का घुमता बैठा झुण्ड और इन सब कमियों को दबाने के लिए कागजों, फाईलों और आंकड़ों में फंसा ऊलझा चतुर व चालाक सरकारी लामजामा कहते हुए अपर्याप्त स्टाफ की कहानी और रोना-धोना, हरेक स्तर पर फाईलों की कछुआ चाल और वे रीसीट डिस्पेच की पड़ी उलझन में रोती, और घोर लापरवाही। यह सब परेशानियां मिलकर दर्शाती है। हमारा बिगड़ा स्वरूपव चेहरा और इसलिए सुनो हम सड़कों का यह बड़ा दर्दभरा बखान।
हम दुर्भाग्यशाली सड़कों पर हर रोज कई राहगीरों के टूटते है शरीर और वाहन। भ्रष्टतंत्र के बढ़ते लालच और लापरवाही से होता आमजनवदेश का बड़ा नुकसान।।झूठी सियासत, झूठी अफसरी और झूठी शान के अहंकार में खो दिया इन्होंने अपना ईमान।बिगड़ा इनका चरित्र, बिगड़ा परिवार, बिगड़ी इंसानियत और हैं गोरे-काले देशी अंग्रेज बिगड़े ये इंसान।। भाई-बहन! सब बचो बचाओ हम सड़क दुर्घटनाओं से और बचाओ अपनी कीमती जान । भ्रष्टतंत्र को करो नहीं अब माफ, दो सजा फांसी की और पहुंचाओ इनको शमशानव कब्रिस्तान।
सड़कें हम फिर बोली :- देखो! जनता लाई है सियासत में चमत्कारी परिवर्तन, लेकिन नहीं बदलता दिखता सियासत का चालचलन! जागो-जागो। सुस्त आरामपरस्त शासक, प्रशासक, नौकरशाही, बनो चुस्त दुरूस्त देशभक्त ईमानदार। त्यागो अहंकार, पार्टी बाजी, नकली नेतागिरी, (जो नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का चरित्र नहीं दर्शाते ), लापरवाही, रिश्वत व कमीशनखोरी। आया है राजप्रधानमंत्री भाई नरेन्द्र मोदी जी का चलेगी नहीं तुम्हारी पुरानी थ्योरीलाओ ईमानदार और सक्षम योग्यठेकेदार। शिड्यूलरेट से नीचे नहीं करो टेण्डर स्वीकार! करो कार्य की साइट पर अच्छी देखभाल, चाहे कार्य हो सी.पी. मोड(कांट्रेक्ट पब्लिक मोड) या पी.पी.पी. मोड़ (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशीपमोड। दिखाओ जौहर, बनो देशभक्त। सही डिजाईन की मजबूत गुणवान हम सड़कों को जिन पर जनता को नाज हो। तारीफ सियायत की आज हो और भ्रष्टाचारियों का पूर्ण विनाश हो। धन्यवाद।जय हिन्द।
पढ़ो-पढ़ाओ, अच्छे संस्कार बचाओ, बिजली बचाओ, पानी बचाओ, पर्यावरण बचाओ, सड़कों पर अपनी जान बचाओ।
जय हिन्द जय भारत


Monday 6 October 2014

वृद्धजन दिवस व गांधी जयंती

वृद्धजन दिवस व गांधी जयंती के
शुभ अवसर पर संवेदना
सुनो ! दु:खी आमआदमी की खरी-खोटी आवाज।
प्रभावी सामाजिक जा चेतना, जागरूकता, सक्रियता और
सेक्टर मोहल्लेवार जरुरी है मजबूत जान-कल्याण मंच का गठन
  • राज बदले या ना बदले, आता नहीं कोई बदलाव और जनता की किस्मत भी नहीं बदल पाती -वैसा ही दुःखी माहौल, रैलिया, धरने, हड़ताल, लड़ाई - दंगे, झगड़ा - फसाद, चोरिये, भ्रष्टाचार बलात्कार खुदकुशी, जमाखोरी, चोर बाजारी, उँची कीमत पर नकली सामान बेचने का चलन, रिश्वत खोरी, कमीशन खोरी से घटिया सार्वजनिक निर्माण कार्य और सड़को में खड्डे तथा भवनों में दरारे लेकिन बदनाम होते ठेकेदार, सड़क - गलियों में कूड़े-कचरे व गन्दगी का ढेर ओर पशुओं का बोल - बाला, बिना नियंत्रण व रात को बिना डिप्पर मारे तेजी से दौड़ते ट्रोले, ट्रक व कई वाहन व खतरनाक दुर्घटनाएँ अस्पतालों में मरीजों की भीड़ और मरते मरीज, फैक्ट्रियों में दुर्घटनाएँ, अधिकारी - कर्मचारी व फेक्ट्री मालिकों के बीच राजनेताओं की मारोममार, तबादला व एपीओ का डरावना व्यापार, सियासी बैठकों तथा जनसुनवाईयों व कागजी आंकडों का दिखावटीपन, फर्जीवाड़ा, अवैध खनन, जमीनी भू-माफियों का दबदबा बरकरार, बेरोजगारी, बिजली-पानी की किल्लत, बी पी एल व सामाजिक पेंशन में गडबड़िये, मनरेगा के घोलमोल परिणाम, सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम का डगमगाता खेल और उप चुनावों में दुर्भाग्यवश राज्य सरकार हुई फेल।
  • गरीब, मध्यम व अमीर जनता के विकास, उन्नति और खुशहाली में बाधक है पुराने ढर्रे पर चलता स्वार्थ भरा चापलूसी अंग्रेजी पारम्परिक प्रशासनिक लामजामा और अहंकारी राजनितिक ढाचा तथा सड़े-पुराने कानून और कोर्टों में लम्बी-लम्बी पेशीयें और बरसों बाद फैसले जिन पर भी अपीलों का ढ़ता दबाव एवं एक से दुसरी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते-लगाते जूते ही नही घिसते बल्कि बैचारे आम आदमी का शरीर, दिमाग व आखिर में आत्मा भी घिसकर परमात्मा को प्यारी हो जाती है। तब तक भी अन्तिम सही फैसला नहीं मिल पाता है।
  • आज देश के आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी सोभाग्यवश भरसक कोशिश में लगे है कि देश में जनता को हर पेरशानी व पीड़ा से राहत दिलवाई जाये। क्या आप ग्राम पंचायत से लगाकर पंचायत समिति, नगर पालिका, जिला परिषद, विभिन्न स्तर पर प्रशासन जिले | से लेकर राज्य विधानसभा तक तथा शिक्षण-संस्थाएँ, जन प्रतिनिधि महानुभाव व आम नागरिक माननीय प्रधानमंत्री जी के कदम से कदम। मिलाकर उनका साथ देने को तैयार है? क्या अपने स्वयं की तरफ से भी जनहित के सभी कार्य निःस्वार्थ भाव से करने को तैयार हैं।
  • कृपया सोचिए और साहस व इमानदारी रख कर दिखाईये जन भलाई के सभी कार्य,जिससे आपका जीवन तो सफल होगा ही साथ ही देश के 125 करोड़ जनमानस का जीवन भी सफल हो जायेगा। आदर सहित ! धन्यवाद


Thursday 2 October 2014

स्वच्छ भारत अभियान

न गंदगी करूंगा, न गंदगी करने दूंगा
अभियान को खुशी से अपनावें और चलाए

स्वच्छ भारत अभियान

(पहले सफाई सप्ताह)
(2 अक्टूबर 2014 से देश भर में सफाई अभियान)

कचरा फेंकना, गंदगी करना, गंदगी में जीना, खुले में पेशाब व शौच-टट्टी करना तथा जल व हवा को गंदा करना बड़ा पाप है और पशुवत के समान जीवन जीना है। आप नेक इंसान हैं । कृपया पशुवत जीवन जीना 2 अक्टूबर को खुद झाडू लगाने स्वीकार न करें । गर्व और स्वाभिमान से मूल्यवान स्वच्छ मनुष्य जीवन जीएँ।

- डॉ. भगवतसिंह तंवर, पूर्व चीफ इंजीनियर पर्यावरणविद्
आजादी व लोकतंत्र गौरवमयी सुन्दर जिंदगी जीने को है, कुडे, कचरे और गंदगी में जीने को नहीं।
  1. निर्मल भारत अभियान.: पिछले कई वर्षों में “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान (TSC)' चल रहा है, जिसकी धीमी गति से परिणाम अधूरे रहे हैं। स्वच्छता आमजन के स्वास्थ्य, बेहतर आय, पोषण और तंदुरूस्त जिंदगी जीने का साधन है। 
  •  घर-घर व सार्वजनिक स्थान पर मुत्रालय व शौचालय बनाना जरूरी है। इनकी बड़ी कमी है।

स्वच्छता रखने के लिए 7 बिन्दू का अपनाना जरूरी है।
पहला-पेयजल स्वच्छ रखना। दूसरा - घर के गन्दे पानी का उचित उपयोग व निकास। तीसरा - मानव मल का सुरक्षित निपटान। चौथा- घर के कुड़े-कचरे व गोबर का सही निस्तारण। पांचवा- घर में रसोई व भोजन की स्वच्छता। छठा - शरीर की सफाई और सातवां -मौहले, गांव, शहर की सफाई
2. स्वच्छ भारत अभियान : विशेषकर उपरोक्त सांतवें बिन्दू के अन्तर्गत देश के शहरों और गांवों के हरेक मौहल्ले में गंदन नालियां और कचरे गंदगी के ढेर देखने को मिलते है। लोगों को रस्ते में चलते थूकना, दीवाल के सहारे पेशाब करना, मूंगफलीकेले व अन्य वस्तुओं के छिलके तथा बिड़ी-सिगरेट के टुकड़े बसों व रेल गाड़ी में छोड़ना व सड़क पर फेंकना, कागज व प्लास्टिक की थैलियां व पैकिंग फेंकना और गाजर घास को फैलते हुए व पशुओं को रस्ते पर देखना साधारण सी बात है। सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता बिल्कुल नहीं होने की वजह से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 2 अक्टूबर से स्वच्छ भारत अभियान पूरे देश में प्रारम्भ किया जा रहा है। 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक “राष्ट्रीय स्वच्छता जागरूकता सप्ताह' का शुभारंभ हुआ है। प्रत्येक शहर-गांव में स्वच्छ पर्यावरण का वातावरण तथा स्वच्छ निरोगी समाज निर्माण के उद्देश्य से स्वच्छ भारत अभियान” बहुत महत्वपूर्ण और अहम है। 
  • विश्वभर के पर्यटकों को देश में आकर्षित करने के लिए विकसित देश की तर्ज पर व खासकर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्तौड़ के उच्च श्रेणी की स्वच्छता दोनों सार्वजनिक व निजी स्थानों पर जरूरी है, जिसमें श्रमदान द्वारा प्रत्येक नागरिक की सहभागिता-भागीदारी बहुत आवश्यक है। सभी विकसित विदेशों में हरेक नागरिक सहर्ष स्वच्छता की अपनी जिम्मेदारी निभाता है। जापान में स्कूल-कॉलेज के छात्र प्रत्येक दिन एक घंटे वहां की सफाई करते हैं। तो हमारे छात्र ऐसा क्यों नहीं कर सकते, कृपया सोचिए और सफाई व स्वच्छता के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं। केवल सफाई कर्मचारी के सहारे शहर-गांव साफ नहीं रखे जा सकते। सड़कों के किनारे पेड़ लगाने व उनकी देखभाल भी जरूरी है। 
  • निजी स्थानों को साफ-सुथरे-सुन्दर' रखने के अलावा कृपया आईये हम संकल्प लें कि बिना हिचक व.शर्म किये सप्ताह में एक दिन अवश्य सामूहिक श्रमदान कर सार्वजनिक स्थान-मौहल्ले की सड़कें, गलियां, नालियां, पार्क, बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेशन, जल स्रोत तालाब, एनीकट, नाले व नदियां अस्पताल, जन सुविधाएं, ज़न कार्यालय, बाजार इत्यादि साफ-सुथरे रखने तथा शहर-गांव में पेड़-पौधो जीवित रखने में पूर्ण योगदान करेंगे। गंदगी नहीं करेंगे एवं न गंदगी करने देंगे।





Thursday 5 June 2014

विश्व पर्यावरण दिवस

पर्यावरण सुधार अभियान नं. 6 (2014)
योग्य बन आगे बढ़ा-बढ़ाओं
पढ़ो-पढ़ाओं, देश का स्वाभिमान ऊंचा उठाओ! |
"प्रकृति पर हिंसात्मक प्रहार करना,
मानव संस्कृति और सभ्यता समाप्त करना है"
- महात्मा गांधी

विश्व पर्यावरण दिवस

गुरूवार 5 जून 2014

सौजन्य से : अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान

पानी बचाओं पर्यावरण बचाओं! शिक्षा रोजगार कृषि को उन्नत बनाओं! आमदनी बढ़ाओं सुखी हो जाओ ।

प्रिय भाई बहनों बबाल युवा साथियों !

!जय भारत माता!

ज के आधुनिक विकास के युग में घर, गांव व शहर में अनुशासन, शांति, सुविधा तथा आरामदायक जीवन बिताने के लिए "सामरिक पर्यावरण'' का शुद्ध, साफ-सुथरा व मनमोहक बने रहना अनिवार्य है। सामान्यतया पर्यावरण को केवल प्राकृतिक यानि भौतिक व रसायनिक प्रदूषण के साथ जोड़कर देखा जाता है, लेकिन सुख तथा आनंदमय जीवन के लिए वास्तव में पर्यावरण समस्याएँ मनुष्य के "प्राकृतिक पर्यावरण" के बीच व्यक्तिगत्त, पारिवारिक, सामुदायिक, सामाजिक, सार्वजनिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, नैतिक, अध्यात्मिक एवं राजनीतिक पर्यावरण के शद्ध व अशुद्ध होने के साथ घनिष्टता से जुड़ी हुई है। अतः हमें इन सभी प्रकार के प्रदूषण की तरफ ध्यान देना आवश्यक हैं। जनमानस को सम्बन्धित विभाग व विशेषकर पंचायत, नगरपालिका, प्रदूषण नियंत्रण विभाग अन्य प्रशासनिक विभाग तथा स्वयंसेवी संगठन के साथ सहयोग कर एवं कल कारखानों में सेवा वर्ग को संवेदनशील बन पर्यावरण संरक्षण पर सामाजिक व कानूनन तोर पर पूर्ण ध्यान देना चाहिये।

 मनुष्य शरीर पंचतत्व से बना है- हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी, और आकाश। अगर पृथ्वीन ब्रह्माण्ड पर इन तत्वों का प्रदूषण होता है तो हमारा शरीर भी प्रदूषण युक्त बनकर बीमार पड़ नष्ट हो जाएगा और पृथ्वी लीला भी समाप्त हो सकती है अतः विकास के साथ इन तत्वों को उपयोग करते समयइन्हेयरम् शुद्ध रखना अनिवार्य है।

अतः कृपया ईमान्दारी से प्रयास करिये कि विकास के साथ-साथ कृषि, सिंचाई, जल उद्योग, उद्योग, व्यापार, यातायात व रहन-सहन के तौरतरीके पर्यावरण अनुशासन बनायें रखते हुए किसी प्रकार की धरती पर एवं जल स्त्रोंतो में गंदगी प्रदूषण मत फैलाइये। यह तभी सम्भ्व है जब सब जगह साफ-सफाई रखते हुए जनसंख्या को बढ़ाने से रोकें मल-मुत्र को नियत्रंण में रखें, नदी-नाले, नालीयां साफ रखें, शौचालय का प्रयोग करें, पेड़-पौधे लगायें, प्लास्टिक का दूरूपयोग रोकें, जैवविविधता कायम रखें, अवैध खनन नहीं करें, डीजल-पेट्रोल गाड़ियों का दुरूपयोग नहीं करें, सभी प्रकार के तरल व ठोस कचरे का नियंत्रण कर आवश्यक उपचार करें, धूमपान बंद करें, प्राकृतिक संपदा का अंधाधुंध शोषणा नही करें, नैतिक मुल्य बनाये रखें, संगठित होकर प्यार-मोहब्बत व भाई-चार बना कर रखें, जाति-धर्म, गरीब-अमीर का भेदभाव नहीं रखें और विकास के कार्यों में खुलकर हर स्तर पर शासन-प्रशासन के साथभागीदारी करें।

  • तेजी से विकास के साथ पर्यावरण बनायें रखना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।      -    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
  • राज्य के सभी नागरिकों के सहयोग और भागीदारी से नया राजस्थान बनायेंगे।    -    मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे
  • विकास की रफ्तार के साथ पर्यावरण शुद्ध सीमा में बनायें रखना जरूरी है।             -    विधायक श्री चन्द्रभान सिंह''आक्या''
  • ग्रामीण, शहरी व औद्योगिक विकास को बढ़ाने के साथ-साथ जिले में पर्यावरण संतुलन बनाये रखें।  -    जिला कलेक्टर श्री वेदप्रकाश
  •  पेड़-पौधे लगाये, हरियाली बढाये और स्वस्थ्य जीवन बिताये l                             -    जिला उप वन संरक्षक श्री वीरपाल सिंह


भूत का अंधविश्वास मिटाओं? वर्तमान की विकास अपनाओं! पर्यावरण बचाओं
व्यक्तिगत स्तर से हर गांव-शहर तथा प्रदेश व देश का भविष्य उज्जवल बनाओं,


Saturday 31 May 2014

महाराणा प्रताप जयन्ती

जन-अपील

महाराणा प्रताप जयन्ती, शनिवार 31 मई 2014, ज्येष्ठ शुक्ल 3
प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप ने मातृभूमि के गौरव, स्वभिमान और रक्षा के लिए तथा देश, धर्म और स्वंतत्रता के खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। इस युग पुरूष ने कठोर संघर्षशील बन सभी 36 कोम के जनमानस को साथ ले जागृत किया, प्रेरित किया और संगठित किया तथा मेवाड़ को सम्पूर्ण भारत में एक स्वतंत्र राज्य बनाये रखने में कामयाब रहे। बाद में यही स्थिति अंग्रेजों के भारत छोड़ने तक कायम रही। इसलिए मेवाड़ और मेवाड़ के महाराणाओं को भारत में बड़ी श्रद्धा और आस्था से देखा जाता है। कहते हैं कि छत्रपति शिवाजीका वंश भी मेवाड़ घराने से सम्बन्धरखता है।
महाराणा प्रताप के जीवनकाल को चारभागों में बांटा जा सकता है। प्रतिभावान बाल्य व युवा काल (1540 से 1568 ई.), संघर्षशील काल (1568 से 1576 ई. चित्तौड़ पर अकबर के आक्रमण से लेकर हल्दीघाटी युद्ध तक), संग्राम काल (1576 से 1586 ई. हल्दीघाटी युद्ध से लेकर भयानक युद्धकालजिसमें मेवाड़ का काफी क्षेत्र वापस जीत लिया गया) और शान्ति वसमृद्धिकाल (1586 से 1597 मृत्यु के समय तक) जिसमें मेवाड़ क्षेत्र की सर्वागीण उन्नति कर उसे कृषि,.वस्तु निर्माण, वाणिज्य-व्यापार तथा संस्कृति, कला, साहित्य व शिल्पमेंऊँचा उठाया गया। प्रताप अपने जन्म( 9 मई 1540) से लेकर मृत्यु (19 जनवरी 1597) तक जीवन परत स्वतत्रता को लेकर उच्चतम प्रेहरी बने रहे और अन्तर्म ईश्वरीय रूप धारण कर लिया।
भारत की अंग्रेजों से आजादी के आन्दोलन में सभी क्रान्तिकारी व शांतिप्रिय नेताओं ने तथा राष्ट्र के सेवाभावी राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ व अन्य कई देश भक्त संगठनों ने जिसमें आज के परीपेक्ष में व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी भी शामिल है। महारणा प्रताप से लेकर छत्रपति शिवाजी, गुरू गोविन्दसिंह, स्वामी विवेकानन्द और महात्मा गांधी जैसे कई महान पुरूषों से असीम प्रेरणा लेकर देश का नया इतिहास रचा है और रचा जा रहा है।
महाराणा प्रताप की महानवीरता के गुण, त्याग, गौरव, स्वाभिमान, यता, अदम्य साहस, धैर्य, क्षमता, दृढ़ता, आत्मबल, आत्मविश्वास, नेतृत्व शक्ति और प्रभु श्रीरामसी सर्वोच मर्यादा और आदर्श चरित्र जन-जनके जीवन के लिए प्रेरणास्त्रोत है ।ऐसे युग पुरूष महाराणा प्रताप की बारम्बार जय-जयकार। वीरभूमि चित्तौड़ एवं मेवाड़ के जनमानस ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतवासियों का कर्तव्य है कि
महाराणा प्रताप की जंयती मनाते हुए उच्च प्रेरणा स्वरूप इनके महान गुण अपनाये व वर्तमान प्रधानमंत्री एवं प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री की विकास योजनाओं वपरियोजनाओं में सहयोग देते हुए देश का भविष्य उज्जवल बनायें। विकास पुरूष श्री नरेन्द्र मोदी सविनय अपील है कि नगर परिषद द्वारा आयोजित महाराणा प्रताप जंयती समारोह, जन शौभा यात्रा
व्यायाम प्रदर्शन एवं प्रताप क्लब द्वारा खेलकुद प्रतियोगिता के अलावा कृपया व्यापार जगत व चित्तौड़ के बड़े उद्योग घराने( हिन्दुस्तान जिंक, बिरला, आदित्य, जे. के., वण्डरवलाफार्ज) तथा विभिन्न मार्बल यूनिट्स को भी अपने स्वयं के उपयुक्त स्थान पर स्टेज, सामियाना लगा महाराणा प्रताप की प्रतिमा/तस्वीर के सामने प्रताप जयंती मनायें और यथा सभंव मिठाई वितरित करें।नगर परिषद को प्रताप सर्किल का ओर अधिक सौन्द्रीयकरण करना चाहिये।
बोल जय प्रताप की आज संकल्प लो! बनायेंगे जिला चित्तौड़ को भ्रष्टाचार मुक्त।
बोल मंत्र नमो-नमो! करेंगे तेजी से विकास हटा आलस्य और बन चुस्त दुरूस्त ।।



Tuesday 13 May 2014

ग्रामीण विकास सुधार अभियान

भारतीय समाज में शक्ति, संम्पन्नता और संस्कृति पुनः आम बहाल हो ।शिक्षा व्यवस्था आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बनें। समाज को अन्धेरे, मायूसी और गरीबी के विष चक्र से मुक्ति मिलें। किसान संघर्षशील बन पूर्ण उन्नत तकनीकी ज्ञान आधारित खेती अपनायें।हम गरीबों की सुने, गरीबों के लिये जिये और आपसी विश्वास तथा कठोर परिश्रम द्वारा भरोसे की सभ्यता अपनाते हुए देश को विश्व में प्रथम स्थान दिलायें देश को लुटने से बचाऔं ।जय हिन्द!
सरकार नये राजस्थान के संकल्प के साथ सहभागिता, सहमति, जवाबदेही, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, प्रभावी दक्षता, और न्याय संगत प्रशासन, जन-जन के विकास और आधुनिक उन्नति के आधार पर कार्य करेंगी जिससे हमारा सूराज का सपना सम्पूर्ण प्रदेश वासियों के सर्वांगीण विकास के साथ बेहतर कानून व्यवस्था प्रदान करते हुए अवश्य पूर्ण होगा। ईश्वर से कामना है कि प्रत्येक प्रदेशवासी अपने अमूल्य जीवन को सफल बनाने में कामयाब हो। जयराजस्थान! जय हिन्द!

ग्रामीण विकास सुधार अभियान

अभियान के चार बुनियादी चरण पर विशेष अभियान
सौजन्य से : अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
पानी बचाओं! पर्यावरण बचाओं! पेड लगाओ! शिक्षा रोजगार कृषि को उन्नत बनाओं! आमदनी बढ़ाओं!

  • पहला चरण - ग्रामीण शिक्षा सुधार अभियान।

  1. शिक्षा / स्कूल वातावरण सुधार
  2. गृह वातावरण सुधार( शैचालय, स्नानघर, हरे पेड़) 
  3. आर्दश प्रतिभाशाली पारिवारिक स्तर
  4. कार्य कुशल लाभान्वित रोजगार 
  5. सड़क यातायात साधन की उपलब्धता 

  • दूसरा चरण - स्वयं किसान द्वारा कृषि सुधार अभियान।

  1. भूमि उपजाऊ बनाना 
  2. उन्नत प्रमाणित बीज-खाद, दवाई का उपयोग 
  3. स्वथ्य पशुधन की बढ़ोतरी 
  4. गोबर गैस संयत्र निर्माण
  5. प्रदूषण नियंत्रण। 

  • तीसरा चरण - ग्रामीण शासकीय कृषि सुविधाओं का सुधार अभियान।

  1. पर्याप्त पानी 
  2. बिजली 
  3. सिचांई साधन 
  4. फार्म मशीनरी 
  5. मार्केटिंग सुविधा 

  • चौथा चरण - ग्रामीण परिवारों द्वारा सामाजिक दोषमुक्ति अभियान।

  1. रोकथाम बालविवाह वह देहज 
  2. मृतक भोज 
  3. मदीरा पानवपानमसाला, गुटखा, चरस 
  4. कर्ज भारनियंत्रण 
  5. महिला पिछडापन दूर करना और जनसंख्या विस्फोट नियत्रंण ।

आबादी का बढ़ता बोझ! साधन घटते जाते रोज!बच्चे-महिला-युवा-वृद्ध सब मिल ग्रामीण विकास सुधार की करों सोच।

आत्मीय चित्तौड़ जिला ग्रामीण भाई बहनों! जय एकलिंगनाथकी! जयमातेश्वरीकी! जय सावंलिया की! सादर प्रणाम!
विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ जिले के निवासी होने से हम सब बडे गौरवशाली हैं। ग्रामवासी भाई बहन सरल स्वभाव के वीर पृष्टभुमी, ईमानदार किसान, मजदूर, व्यापारी, सेवाकर्मी सब स्वाभिमान पूर्वक अपना प्राकृतिक जीवन व्यतित करते आये है।आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कई कारण है।अच्छी शिक्षावरोजगार की कमी, अपर्याप्त कृषि साधन, उचित कृषि तकनीकी एवं तौर तरीके का कमजोर प्रचलनगांवो में रोजगार की कमी और अंधविश्वास व रूढ़ीवादी सोच विचारधार के चलते कई पारिवारिक तथा सामाजिक कुरीतियों का प्रचलन आदि।इन सब कमजोरियों को दूर कर एक होकर आगे बढ़ने और वास्तविक मजबूत आर्थिक सुधार लाने से ही गांवो की दिशा और दशा बदलेगी।
"सोच को सुधारिये सितारे बदल जायेंगे, नजरिये को सुधारियेनजारे बदल जायेंगे।
भाईयों तुम्हें जरूरत नहीं किश्ती को बदलने की, किश्ती के रूख को बदलों किनारे बदल जायेंगे।''
कृपया आईयें! विकास के पिछले 60-70 वर्षों का ढर्रा बदलकर जाति-धर्म, गरीब-अमीर और गांव-शहर के भेद भाव तथा सभी कुरूतियों को दूर ढकेलकर सही दिशा में हम सब मिलकर तेजी से ग्रामीण विकास का सुधार करें। प्रचलित एवं नई आने वाली राजकीय योजनाओं को सफल बनावें। शासन, प्रशासन, सभी जनप्रतिनिधियों और आपसी जन-जन के सम्मान के साथ सौहार्दपूर्वक सहयोग की अपेक्षा करते हुए उपरोक्त चार चरणों पर ध्यान केन्द्रित कर सच्चे विकास सुधार की तरफ तेजी से कदम बढ़ायें। धन्यवाद!

भूत का अंधविश्वास मिटाओं! वर्तमान की सच्चाई अपनाओं!
व्यक्तिगत स्तर से हर गांव-शहर तथा प्रदेश व देश का भविष्य उज्जवल बनाओं



Friday 25 April 2014

जनहित जागरूकता अपील

बच्चों को बाल विवाह के पाप से बचाओं? सही उम्र में विवाह रचाओं!
। विवाहित जीवन सफल बनाओं!

जनहित जागरूकता अपील

बाल विवाह रोकथाम अभियान महाराणा प्रताप
सौजन्य से : अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान |
आत्मीय चित्तौड़ जिला प्रेमी बन्धुओं! जय एकलिंगनाथ की! सादर प्रणाम!
आप हम जानते है कि बाल विवाह कुछ जाति विशेष, गरीब वर्ग एवं निम्न सोच के परिवारों में आज भी प्रचलित है, जो पिछड़ेपन की निशानी के साथ ही सभ्य समाज तथा शासन-प्रशासन का चिन्ता का विषय है। बाल विवाह के मुख्य रूप से एक दर्जन (12) दुष्परिणाम निम्न प्रकार हैं:-
  1. बाल अवस्था में विवाहिक जिम्मेदारी का ना समझ होना एवं तनावपूर्ण जीवन जीना। 
  2. व्यक्तित्व विकास का रूकना/अवरूध होना यानि, भौतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास का रूकना।
  3. शारीरिक स्वास्थ्य की हानि के साथ ही कमजोर सन्तानका पैदा होना एवं प्रसव मृत्यु की संभावना। 
  4. शिक्षक विकास अवरूध होना जिससे बिना योग्यता के चाहा रोजगार व नौकरी नहीं मिलना। 
  5. पैसे के लिए माता-पिता, भाई-बहन या सास-ससुर पर निर्भर रहना एवं कर्जदार बनना। 
  6. जीव न में आशातीत आर्थिक समृद्धि का अवरूध होना तथा एड्स, नाताव तलाक की प्रथा को बढ़ावा। 
  7. रक्षर सेवाओं में योग्यता की समाप्तिव अन्य सेवाओं में रूकावट 
  8. सक्ष्य समाज मै बैठने से संकोच महसूस करना। 
  9. गौरवमय जीवन व्यतीत नहीं कर पाना।
  10. बाल विवाह के उपरान्त कुछ पति वर्ग द्वारा उच्च शिक्षित व धनि होने पर दूसरी शादी रचना। 
  11. बाल विवाहित जीवन असफल होना।
  12. नवजीवन का उद्देश्य खो बैठना और समाज, प्रदेश एवं राष्ट्र उन्नति मे बाधा। 

नोट- क्या आपने इतने ढेर सारे दुष्परिणाम उठाने के बाद भी बाल विवाह की प्रथा को अपनाना पंसद करेंगे?
बालविवाह रोकथाम कानून, 2006 के अनुसार विवाह के समय लड़की की उम्र 18 वर्ष एवं लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए अन्यथा दोषी को 2 वर्ष की जेल या 1 लाख रूपये का जुर्माना या दोनो सजाएं दी जा सकती है।
राज्य सरकार के आदेश प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर वेदप्रकाशने खासकर 23 अप्रेल 2014 को बैठक बुलाकर सभी संबंधित जिला प्रशासनिक अधिरिशों को निर्देषित किया कि जनजागृति जागरूकता के ठोस प्रयास किये जायें व बाल विवाह रोकथाम कानून की कठोर पालना हो। इस सन्दर्भ में यह भी आदेश दिये कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर अक्षय तृतीया (आखा तीज) 2 मई तक साधारण सभा की बैठक बुलाई जावें और रैलियां निकाली जायें। जिला मुख्यालय पर 24 घंटे एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है (फोन नं. 01472-245044, सीडीपीओ कार्यालय) पुलिस विभाग ने जिले के सभी थानाधिकारी (SHO) को निर्देशित किया है कि आल विवाह की सूचना मिलते ही तुरंत कानूनन कार्यवाही की जाये। पिछले वर्ष बाल विवाह जिले भर में 124 प्रकरण समझाइश से निपटाए गये एवं 33 प्रकरण पर कार्यवाही की गई।
अतः बाल विवाह रोकथाम के लिए जन सहयोग की अपील के साथ ही बाल विवाह के वर्तमान एवं भविष्य में कदम उठाने वाले परिवारों से विनम्र अनुरोध है कि इस अपराध से बच्चों का और अपना उज्जवल भविष्य बनाने में ईमानदारी से सहभागी बनें! धन्यवाद! जयचित्तौड! जयहिन्द!
(वर्ष 1929 में बाल विवाह सम्बन्धित शारदा एक्ट आया था
लेकिन 85 वर्षों से यह कुरिती प्रचलित है जिस ग्रर हम सबको गम्भीरता से सोचना चाहिये)


Thursday 24 April 2014

पंचायत निर्विरोध चुनाव के महत्व पर जनचेतना

गांव की सरकार। "सामाजिक अपील" बिना किसी पार्टी की सरकार।

प्रिय ग्रामीण बन्धुओं, भाई बहनों! अपना भला सोचो। निर्विरोध पंच-सरपंच चुनो।
पंचायत निर्विरोध चुनाव के महत्व पर जनचेतना
सरकार का निर्विरोध चुनाव का फार्मुला अपनाओ- ग्राम पंचायत में एकता लाओ।
निर्विरोध चुनाव के फायदे -
  1. सरकार से ग्राम पंचायत को सहयोग राशि। 
  2. उम्मीदवारों का खर्चा बचता है। 
  3. वोट लेने-देने में झुठ नहीं बोलना पड़ता। 
  4. आपसी मनमुटाव व बेर समाप्त।
  5. गांवों में एकता का अच्छा प्रभाव व परिणाम। 
  6. चुनाव में जातिवाद का बूरा चलन रूकता है। 
  7. गंदी राजनीति का चलन रूकता है।

सोचे समझे - वोट देना। एक दिन का खेल नहीं है। इसमें पांच साल तक का हरेक गांववासी का आपसी सुख-दुःख व हंसने-हंसाने का राज छिपा है।
कृपया निर्विरोध पंच-सरपंच का चुनाव करो। एक बनो सुखी बनो।
पैसा लेकर व दारू पीकर वोट देने की बूरी प्रथा को खत्म करो।
(पंच-सरपंच कैसा चाहिए)
  1. जो अच्छा शिक्षित, अनुभवी, ईमानदार, शाहसी,मेहनती व भ्रष्टाचार मिटाने में सक्षम हो। 
  2. जो विकास की योजनाओं का पूरा ज्ञान रख विकास करवा सकता हो। 
  3. जो गांव के किसी भी वर्ग से भेदभाव-मतभेद नहीं रखता हो। 
  4. जो ग्राम पंचायत के सभी गांवों-लोगों में एकता रख सकता हो। 
  5. जो सरकार के सभी महकमों में पकड़ बना कर रख सकता हो। 
  6. जो प्रधान, जिला प्रमुख, एमएलए/एमपी व मंत्रियों से रिश्ता बनाकर रख सकता हो। 
  7. जो भूमाफियों, अतिक्रमणियों व बूरे लोगों के कुप्रभाव को रोक सकता हो। 
  8. जो अपने सभी कर्तव्य-दायित्व भलीप्रकार निभा सकता हो। 
  9. जो विकसित और समृद्ध ग्राम पंचायत का सपना पूरा कर सकता हो। 




Tuesday 25 March 2014

सामाजिक जन चेतना अभियान

सामाजिक जन चेतना अभियान (2013-15)
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान द्वारा नवम्बर 2013 से फरवरी 2015 के बीच 12 सामाजिक अभियान विभिन्न मुद्दों पर चलाए गये।
  1. पंचायत के जिम्मेदारी पर जनचेतना (नवम्बर 2014 - फरवरी 2015) 
  2. पंचायत निर्विरोध चुनाव के महत्व पर जनचेतना (दिसम्बर 2014 से जनवरी 2015) 
  3. नगर निकाय चुनाव (अक्टूम्बर 2014) 
  4. सड़को की दुर्दशा पर जनजागरण (अक्टूम्बर 2014) 
  5. स्वच्छ भारत अभियान (सितम्बर–फरवरी 2015) 
  6. वृद्धजन दिवस - गांधी जयन्ती प्रेरणा (अक्टूम्बर - नवम्बर 2014) 
  7. विश्व पर्यावरण दिवस (जून - सितम्बर 2014) 
  8. महाराणा प्रताप जयन्ती (मई - जून 2014) 
  9. ग्रामीण विकास सुधार अभियान (मई 2014 -- फरवरी 2015) 
  10. बाल विवाह रोकथाम अभियान (अप्रेल - मई 2014) 
  11. विश्व जल दिवस (मार्च - अप्रेल 2014) 
  12. राजस्थान विधानसभा अभियान (अक्टूम्बर - दिसम्बर 2013) 




Saturday 22 March 2014

विश्व जल दिवस

स्वतंत्रता व लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदाता कृपया 17 अप्रेल
को शत प्रतिशत मताधिकार का उपयोग अवश्य करें

विश्व जल दिवस

22 मार्च, 2014
जल बचाओ, जल की गुणवत्ता बचाओ और सुखी जीवन बिताओ

प्रिय चित्तौड़गढ़ जिला बन्धुओं! निम्न 12 जल संबंधित बातों पर विशेष ध्यान दें -
  1. जल ही जीवन है। जल है तो कल है। जल होगा तो विकास होगा-चाहे वो कृषि विकास हो, औद्योगिक विकास हो, ग्रामीण वशहरी विकास हो और आखिरकार मानव विकास।
  2. जल की मात्रा और गुणवत्ता बचानावबहाना विकास के लिए दोनों जरूरी है। 
  3. जल की मात्रा व गुणवत्ता दोनों को बचाने के लिए जल का सभी कायों में सदपुयोग करना एवं स्वच्छता रखना यानि जल को फिजुल खर्ची एवं प्रदुषण से बचाना जरूरी है। जल उपयोग सेक्टर है- कृषि, उद्योग, बिजली उत्पादन, बाजारू होटल, रेस्तरां व बर्फ फैक्ट्रियां, सार्वजनिक व निजी निर्माण कार्य, पेयजल कार्य इत्यादि।
  4. जल बचत के लिए किसान वर्ग, औद्योगिक वर्ग, व्यापारी वर्ग, सेवा कर्मी वर्ग, मजदूर वर्ग विद्यार्थी एवं गृहणियों सभी को बाल्यवर्ग से लेकर युवा, वयस्क एवं वृद्धवर्ग तक की घनिष्ट भागीदारी जरूरी है।
  5. जल प्रमुखतौर पर संम्पदा के आधार पर चार श्रेणियों में पाया जाता है - (1) वर्षा जल (2) नदी-नालों, नहर, चश्मों का जल (3) जलाशय - नाडा, नाडी, तालाब, एनिकट व बांध का जल (4) जमीन में कुंए, हैण्डपम्प, बोरवेलवट्यूबवेल का जल और पातालतोड़ कुंओं का जल प्रति व्यक्ति जलकी मात्रा लगातार घट रही हैं।
  6. भूजल स्तर नीचेगहराई में जा रहा है। जल बचाना और बढ़ाना अति आवश्यक है। 
  7. जलगुणवता के आधार पर प्रमुखतौर से कहलाता है -(1) मीठा जल (2) खारा जल, (3) नमकीन जल। 
  8. समुद्र जल सभी प्रकार के जल का स्रोत है, जो बादलों के सहारे जमीन पर पहुंचता है। 
  9. पृथ्वी पर हमारे देश-प्रदेश में कुल जल का 80 प्रतिशत भाग कृषि उपज में, 5 से 10 प्रतिशत विभिन्न उद्योग, व्यापार व बिजली उत्पादन में एवं 5 से 10 प्रतिशत जल पीने, घरेलु खर्च व निर्माण कार्य में काम आता है।
  10. अतः जल बचत में किसानों की विशेष भूमिका है। 
  11. जल एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में नहरों द्वारा, खेत, थोरों/ खालों द्वारा बड़ा खराब होता है। इनमें सुधार आवश्यक है। 
  12. सीधे खेत में खुली सिंचाई करने के बजाय पाईप, डीप व स्प्रिंकलर विधि द्वारा जरूरी है। खेत में प्लॉट भी छोटे, समतल व व्यवस्थित हों इससे उपज भी बढ़ेगी।

अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
चित्तौड़ीखेड़ा, चित्तौड़गढ़-राजस्थान
मो. : 9413315843 डॉ. भगवतसिंह तंवर ( तोमर)
पूर्व चीफ इंजीनियर व अध्यक्ष


Wednesday 19 March 2014

वसुंधरा जल क्रांति जन चेतना अभियान

जय-जय शुद्ध जल ! जय-जय शुद्ध हवा ! जय-जय शुद्ध पर्यावरण ।
यह तीनों स्वस्थ्य जीवन जीने की है दवा !
वसुंधरा जल क्रांति जन चेतना अभियान
: सौजन्स से :
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
(डॉ.भगवतसिंह तंवर, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर व संस्थान अध्यक्ष)
मो. +91413315843, ऐप. 9460490043, ई-मेल awesiraj@gmail.com
जन-जन अमृत जल का मोल पहचानों, जल संग्रह–संरक्षण-सवंर्धन और इसके सुदपयोग की विधि जानो
प्रिय भाई बहनों और दोस्तों, सादर प्रणाम !
बारिश के अमृत जल को बेकार मत बहने दो
जहां धरती पर बरसे उसमें इसे रहने दो
क्या आपने कभी सोचा है कि एक किलो गेहँ पैदा करने में पॉच ड्रम 1350 किलो) पानी का उपयोग हो रहा है ?यानि एक किलो गेहूं खाने का मतलब है हमने 5 ड्रम पानी पी लिया। राजस्थान वासी हरेक अगर एक लोटा पानी प्रतिदिन बचाये तो एक वर्ष में कुल पानी की मात्रा से पचास हजार टन अनाज पैदा किया जा सकता है। पेयजल हो या खेती में व उद्योग में जल के उपयोग की बात, हम लापरवाह बन छत व धरती पर वर्षा जल, बांध -- तालाब का जल, मृदा जल और कुए, - बावड़ी व बोरवेल के जल (चारों जल) को बेकार बहने व उड़ते देने के अलावा इनका बेहद दुरूपयोग कर रहे है! इसे बेकार में क्यों बहने व उड़ने दे रहे है? गंदा नालियों में छोड़कर जल को दूषित बना गंदगी फैला रहे है! हमारा जल संग्रह, संरक्षण, संवर्धन और सदुपयोग की तरफ कोई उचित ध्यान नहीं है। कोई नियमित जनभागीदारी नहीं है। बांध कमान क्षेत्र में पारम्परिक सिंचाई द्वारा विशेषकर मेवाड़ के पहाड़ी इलाको के बीच 50 प्रतिशत तक पानी बेकार में खराब हो रहा है जहां वैज्ञानिक तौर से आधुनिक सिंचाई करने की आवश्यकता है।
‘‘जल ही जीवन है” और “जल है तो कल है" तथा “साफ सुथरा पृयावरण है” तो जीवन का आनंद है| इन बातों को हम गम्भीरता से नहीं लेते, चाहे इसका कितना ही प्रचार - प्रसार किया जाये। यही कारण है कि हमारा जीवन स्तर विश्व में कई देशों के मुकाबले निम्न स्तर पर है और हम सही मायने में गरीबी के स्तर से ऊपर उठ नहीं पा रहे है| इस दुर्दशा के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है । 70 साल आजादी के बीतने के उपरान्त भी विकास तो विकास सफाई रखवाने व शौचालय बनवाने के लिए भी केन्द्र एवं राज्य को कड़ी मशकत उठानी पड़ रही है। इस कार्य में भी जल का होना अति आवश्यक है।
अतः वसुन्धरा सरकार ने राजस्थान जैसे सूखे प्रदेश में जल के महत्व को सर्वोच्च समझते हुए प्रथम चरण (2003-2008) में जोरदार “जल बचाओ अभियान चलाया" और अब दूसरे चरण में (2013-2018) में भी एक अनूठा ‘‘मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान (MJSA)" ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जा रहा है, जिसकी विशेषता यह है कि इसे शासन, प्रशासन, औद्योगिक, सामाजिक, धार्मिक ट्रस्ट व अन्य सभी क्षेत्रों के साथ जोड़ा गया है । यह पहली बार ऐसा हुआ है जो वास्तव में “जल क्रांति" का श्रेष्ठ रूप है।
राज्य स्तर पर ‘राजस्थान नदी बेसिन व जल प्राधिकरण" के अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य निदेशक समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री स्तर से लेकर कई ग्राम स्तर तक कई समितियों का गठन किया गया है और जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में लगभग सभी सरकारी विभागों के साथ - साथ माननीय मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि एवं कई निजी संस्थान, जल स्वालम्बन अभियान के साथ जुड़ जुके है और लगातार जन सहयोग भी मिल रहा है । आप भी इस अत्यन्त महत्वपूर्ण ‘‘जल क्रांति अभियान के अवश्य ही सहयोगी बनिए । अपने जीवन में वैज्ञानिक तौर पर जल संग्रह, संरक्षण, संवर्धन और सदुपयोग की पूर्ण जिम्मेदारी लीजिए और साथ ही "भारत स्वच्छ मिशन" के साथ जुड़कर अपने मोहल्ले, गांव व शहर को साफ सुथरा बनाईये । जल क्रांति को सफल बनाईये । धन्यवाद !
वसुन्धरा लाई है जल क्रांति-जागो उठो अपनाओ इसे, वो नहीं कोई भांति
जय चित्तौड़ ! | जय राजस्थान | ! जय भारत !



Sunday 2 March 2014

पंचायत राज चुनाव

प्रिय बंधुओं पढ़ो-पढ़ाओ। समझो-समझाओ! जागरुक व सक्रिय बन सहयोग करो।
**पंचायत राज चुनाव का बज गया ढोल -करो उम्मीदवारो की योग्यता का मोल"
अच्छा, ज्ञानी, शिक्षित, चरित्रवान, ईमानदार, अनुशासित, परिश्रमी, खानदानी हो।
माल उड़ाने वाला भ्रष्ट, पक्षपाती, घमण्डी, लालची, शराबी, सुस्त, धोखेबाज नहीं हो
पानी पीओ छानकर अपील वोट दो जानकर
गांव की चुनो वो सरकार, जो करे ऊँचा विकास दिलाये रोजगार
(चुनाव का एक दिन बचाना और माता-पिता, बहिनों व भाईयों सब कृपया वोट डालने जरूर जाना)
हमारा लक्ष्य
"ग्रामीण आर्थिक क्रांति लाना, ऊँचे विकास की गाड़ी दौड़ाना और ईंजन मजबूत बिठाना है।
पक्षपात भेदभाव, भ्रष्टाचार, अत्याचार, वंशवाद और गांव की जनता का दुख-दर्द मिटाना है।
गांव में कोई पार्टी बाजी नहीं, किसी की आलोचना नहीं और ईमानदारी व भाईचारे का पाठ पढ़ाना है।
ग्रामीण बच्चे, युवा-जवान, वृद्ध और गरीब-अमीर, किसान मजदूर सबका जीवन सुखी बनाना है।"

पंचायत की जिम्मेदारी

  • बच्चों व विद्यार्थियों के प्रति - आंगनवाड़ी, अच्छे स्कूल, ड्रेस, किताब, योग्य शिक्षक, मीड-डे-मिल व उचित खेल मैदान की व्यवस्था बैठाना। आवश्यकतानुसार नर्सरी, प्रारंभिक शिक्षा से लेकर कम से कम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा तक का प्रबंध करना। अच्छे संस्कार पनपाना। शिक्षा केवल जीविका के लिए नहीं बल्कि जीने के लिए होती है। गांवों में शिक्षा स्तर को काफी सुधारने के जरूरत है।
  • युवाओं के प्रति - उचित रोजगार के साधन उपलब्ध कराना, सभी की प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
  • जवानों के प्रति - कृषि, व्यापार, कुटीर उद्योग व सार्वजनिक सेवा कार्यो की सफलता के लिए गांव के व्यक्तियों को आवश्यक सहयोग प्रदान करना। मनरेगा सुचारू रूप से चलाना।
  • वृद्धों के प्रति- परिस्थिति के अनुसार वृद्धों की मांगों को स्वीकार कर उनकी हर सहायता करना। बुढ़ापा पेंशन को समय पर भुगतान होने में सहायता प्रदान करना। वृद्धों के प्रति आदर और सेवा की भावना को बढ़ावादेना।
  • स्वास्थ्य स्वच्छता के प्रति - गांव में योग, आर्ट ऑफ लिविंग, शौचालय व चिकित्सा व्यवस्था अच्छी बने, आशा बहिन व एएनएम अच्छा कार्य करें। स्वच्छता अभियान को लगातार गम्भीरता पूर्वक चलाया जाये।पशु चिकित्सा का भी अच्छा विकास हो। गांव की सड़क व नालियों साफ सुथरी हो। पैड़ पौधों का गांव में विकास हो।मुक्ति धामआधुनिक बनें। गोबर गैस प्लांट लगे।
  • विकास व रोजगार सुविधाएं जुटाने के प्रति - आवश्यक विकास सुविधाएँ उपलब्ध कराने में तेजी लाई जाये - बिजली, पानी, सड़क रोशनी, मिनी बैंक, चरागाह, भूमि विकास, कृषि-बागवानी विकास, पशु विकास आदि के कायों में मदद एवं विभिन्न प्रकार के रोजगार दिलाने में सहयोग करना।
  • महिलाओं के प्रति - महिला सशक्तिकरण में पूर्ण सहयोग करते हुए मानवाधिकारों को उजागर करना।
  • प्रशासन के प्रति - पंचायत अनुशासन और प्रशासन सुचारू रूप से चले। यह मूल रूप से जिम्मेदारी निभाना। जिला व ब्लॉक से बनी ग्रामीण योजनाओं को तेजी से क्रियान्वयन किया जाना। पंचायत दिवस तथा कार्यकारिणी बैठकों एवं ग्राम सभाओं का नियमित लगातार आयोजन, व्यवस्थित रूप से हों। ब्लॉक व जिला स्तर पर सभी विभागों का सहयोग लगातार लिया जाये। गांव के सभी नागरिक अधिक से अधिक इनआयोजनों में भाग लें।