Friday 8 March 2019

पार्टी का ध्यान छोड़ो- देश से नाता जोड़ो अभियान : डाॅ. भगवत सिंह तंवर (तोमर)

पार्टी का ध्यान छोड़ो- देश से नाता जोड़ो अभियान


 पुलवामा की सुनो-को-जागो एक होकर बड़ो ! 

सत्तर वर्ष की गलतियों का करो अब सुधार
जाने न दो देश के शहीदों का बलिदान बेकार 

पाकिस्तान अब सही रस्ते पर आओ-आंतकवाद के जहरिले प्रदूषण से दुनिया को बचाओं 

प्रधानमंत्री का क्यों करता है विपक्ष अपमान | 
 क्या इसी आचरण से देश कहलाता भारत महान 

प्रिय आदरणीय बन्धुओं,

  • महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है, लेकिन आज हम भारतवासी तथा विशेषकर पार्टी आधारित पक्ष-विपक्ष के राजनेता गांधी जी के सिद्धान्त अपनाने व इन पर चलने को तैयार नहीं ।राम राज्य का सपना संजोते हुए स्वतंत्रता आंदोलन के वक्त वर्ष 1925 में गांधी जी ने प्रेरणा दी थी कि हिन्दुस्तानियों को सात पापों से सदा दूर रहना चाहिए (यंग इण्डिया समाचार पत्र, 22 फरवरी 1925) - 1. सिद्धान्त विहीन राजनीति 2. श्रम विहीन सम्पत्ति 3. विवेक विहीन भोगविलास 4. चरित्रविहीन शिक्षा 5. नैतिकता विहीन व्यापार 6.मानवीयता विहीन विज्ञान और 7.त्याग विहीन पूजा। आज आजादी के सत्तर वर्ष बीतने पर भी हम और हमारे माननीय नेता कहलाने वाले महान पुरूषइन सात पापों को जमकर करते हुए निडर है और हिन्दुस्तान में सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक प्रदूषण फैलाने में बड़े अग्रसित है। 

  • हिन्दुस्तान विश्व में प्राकृतिक तौर से निसंदेह बड़ा महान है।जब तक हिमालय और माता पृथ्वी बनी रहेगी, यह देश महान बना रहेगा। हम और हमारे नेतागण महात्मा गांधी के उपरोक्त सिद्धान्त नहीं मानकर क्यों देश की प्राकृतिक महानता को ठेस पहुंचाना चाहते है। 

  • विश्व के दूसरे स्मृद्ध चरित्रवान देशों की तुलना में हिन्दुस्तान की आजादी के सत्तर वर्षों में हमें चौदहसौ से अधिक राजनीतिक पार्टियां बनाने, जनसंख्या विष्फोट करने, अशिक्षित व सुस्त बने रहने, गरीब बन सरकार पर निर्भर रहने, नैतिकता गिराने, जातिवाद व वंशवाद को राजनीति में पनपाने, भ्रष्टाचार फैलाने, संविधानवनियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाने आदि की आजाद देश के सभ्य नागरिक के रूप में हमें सब पाप करने की क्या जरूरत थी ? कहते है कि जैसा राजा वैसी प्रजा । क्या वास्तव में हमारे माननीय नेतागण जिन्होने चतुराई से पारम्परिक राजाओं कास्थानले लिया है, पथभ्रष्ट हो चुके है।क्याजिससे आतंकवाद फैलरहा है? 

  • वर्तमान में तो जम्मू कश्मीर प्रांत की जो आंतकवाद की समस्या ने संकटकालीन रूप लिया है, इसे निपटने के लिए अपना सबका भला बुरा समझते हुए गम्भीर होकर पक्ष-विपक्ष के सम्माननीय नेतागणव कार्यकर्तागणएक दूसरे पर कृपया कीचड़ उछालनातुरंत बन्द करें।अपनी महानता का परिचय दें। होली आ रही है। पाकिस्तान की कमीनी करतूतों को रोकने के साथ ही जो हाल में हमारी बहादुर वायुसेना के नौजवान सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर आंतकियों के अड्डे व उन्हें मार गिराया है उसकी खुशी में रंग बिरंगे सुगंधित रंगों से विपक्ष अब माननीय प्रधानमंत्री को नकारने के बजाय उनसे होली खेलने की हर्षपूर्वक तैयारी भी करले और कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाने के लिए धारा370 एवंझएका हटाने के लिए सरकार का पूरा समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री जी का भरपूर साथ।कश्मीर को देश की मुरव्य धारा से जोड़ने के लिए यह देश की जनता की मांग पर अमूल्य कदम जरुरी है। जैसा कि राजस्थान पत्रिका ने भी अपने 27 फरवरी के अंक में यह सुझाव दिया है।अन्दरूनी अपराधी तत्व (पत्थरबाज) को नियन्त्रित करने में भी यह कदम उपयोगी रहेगा।


धन्यवाद ! जय हिन्द! 

सौजन्य से : अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान, चित्तौड़ीखेड़ा, चित्तौड़गढ़ राजस्थान, भारत

डाॅ. भगवत सिंह तंवर (तोमर)
पूर्व चीफ इंजीनियर व संस्थान अध्यक्ष
तथा संरक्षक वरिष्ठ नागरिक मंच, चित्तौड़गढ़
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