Sunday 1 December 2013

राजस्थान विधानसभा चुनाव

जनहित में सामाजिक अपील

राजस्थान विधानसभा चुनाव दिसम्बर 1, 2013
ईमानदार नेता चाहिए है आज-पांच वर्ष का देना है राज
कृपया ध्यान दें :-
  1. आजादी मिली मिला सम्मान, आज के नेता क्यों हुए बेईमान?
  2. मतदान नहीं यह मताधिकार, सोच समझकर बनाओ सरकार।
  3. राष्ट्र की उन्नति का करो ध्यान, साफ छवि वाले नेता लाओ महान। 
  4. जाति-पार्टी का भेद मिटाओ, राज की गाड़ी पर इंजिन मजबूत बेठाओ। 
  5. बिखरे-तिखरे मोर्चे छोड़ो, दागी नेताओं से नाता तोड़ो। 
  6. नेता जो करे काली कमाई, देश द्रोही हैं वो बड़े भाई ।
  7. मिठी-चपटी बातों में न आओ, गलत नेता को बाहर का रस्ता दिखाओ। 
  8. भारत के हो नागरिक महान, करने जाओ सब मतदान। 
  9. वोट न समझो दान, चालबाज नेताओं को मारने का है औजार महान। 
  10. जनता को अच्छा उम्मीदवार चाहिए, नेता नहीं देश का चौकीदार चाहिए। 
  11. राजनीति पर छाया वंशवाद, इससे देश नहीं हुआ आजाद । 
  12. पक्ष-विपक्ष का झगड़ा, लोकतंत्र का तमाशा बिगड़ा। 
  13. सही नेता का करो चयन, हो अच्छी विधानसभा का गठन।
  14. अमीर-गरीब-मजदूर करे पुकार,किसी का वोट न जाये बेकार।
  15. चुनाव का बना है सुनहरा योग, चुनाव आयोग का करो सहयोग।


आदर्श चुनाव प्रक्रिया और अच्छे परिणाम की भावना

  1. आदर्श चुनाव प्रक्रिया हेतु चुनाव आयोग ने सजगता से कई दिशा-निर्देश दिये हैं। भावी नेतागण कृपया आचार सहिता के घेरे में रहते हुए गरीब भोली भाली जनता को रेवड़ी व पैसों की बांट और शराब का लालच देकर गुमराह न करें। अपनी राजनीतिक ईमानदारी और योग्यता का वास्तविक परिचय दें। 
  2. चुनाव पांच वर्ष में आने वाला लोकतंत्र का महान पवित्र तयौहार है। कृपया नेतागण व पार्टी कार्यकर्ता एक-दूसरे की बुराई करने के बजाय जनहित के मूल मुद्दो व समस्या समाधान का बखान करें। 
  3. वीर भूमि चित्तौड़ के ऐतिहासिक गौरव, वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप के स्वतंत्रता स्वाभिमान, मीरां की भक्ति, पदमनी का जौहर और पन्नाधाय के त्याग की लाज रखते हुए माननीय चित्तौड़वासी व नेतागण सब मिलकर चुनावी माहोल को शालीनता व शांतिपूर्वक निपटाएँ। 
  4. चुनाव के समय में स्थानीय नेता या बाहर से पधारे पार्टी सुप्रियों एक दूसरी पार्टी के नेताओं या पार्टी की बुराई करने के बजाय ईमानदारी से जन कल्याण के वास्तविक ज्वलनशील मुद्दों पर अपना प्रचार-प्रसार केन्द्रित करें: जैसे कि खड्डो रहित सड़कों का निर्माण व उत्तम परिवहन व्यवस्था, आदर्श स्कूल-कॉलेज-अस्पताल, सुदृढ़ 24 घंटे पानी-बिजली व्यवस्था, नेतागिरी व बाजारी लूट खसोट पर नियंत्रण, दागी-अपराधी नेताओं एवं बलात्कारियों को उम्रकैद या देश निकाला तथा नेताओं की कानूनन शिक्षा योग्यता एवं उचित आयु पर सेवानिवृत (राजनीति से रिटार्यमेन्ट) करने के विश्वसनीय आश्वासन व उस पर अमल करने का ठोस भरोसा दिलाना, प्रशासन में दखंलबाजी न करना, गलत कानून हटाकर संक्षिप्त व्यावहारिक कानून बनाकर विशाल वजनी कानूनी किताबों का बोज हल्का करना, मजदूर-किसान, व्यापारी-उद्योगपति, डाक्टर-इंजीनियर, सेवा अधिकारी-कर्मचारी और न्यायाधीश सभी की उनकी नैतिकता, ईमानदारी, योग्यता, कार्यनिष्टता व देश भक्ति तथा राष्ट्र प्रेम के अनुसार मान-सम्मान करना, जबरन दबादले न करना, नेताओं की डिजायर करना, बेईमान-भ्रष्टाचारी को कठोर दण्ड, अवैध सट्टा बाजार को बंद कराना, अवैध राजनीतिक चन्दों का प्रचलन रूकवाना, टी.वी.-सिनेमा व बाजारू पोस्टर पर अश्लील प्रदर्शन व झूठे-गुमराह करने वाले कार्मशियल प्रचार-प्रसार को रोकना, गरीब जनता को एक-दो रूपये खाद्य पदार्थ देने के बजाय लाभदायक शिक्षा एवं रोजगार मुहैया करवाना, गांवों को शहरों जैसी सभी सुविधाएं मुहैया करवाना, कॉलेज-विश्वविद्यालयों में गंदी राजनीति का वातावरण हटाकर अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा दिलवाने का सुदृढ़ वातावरण कायम करना और प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा-सुरक्षा इत्यादि। 
  5. उपरोक्त पृष्ठभूमि के आधार पर जनता की हार्दिक इच्छानुसार अच्छे सुशील, परिश्रमी तथा सच्चे ईमानदार छवि वाले संभवतया युवा नेताओं के हक में चुनाव परिणाम देखने को मिले ऐसी परम पिता परमेश्वर, अल्लाह, गुरू और ईसामसही सभी परम पूजनीय भगवन से निसंदेह जनता की प्रार्थना होगी।

महात्मा गाँधी के बताए सात पापों से मुक्ति पायें
आज देश बेहद दोषपूर्ण वोट की राजनीति का शिकार है। राजनीतिक सिद्धान्त सब महात्मा गाँधी के साथ चले गये। घूस-घोटाले, भ्रष्टाचारबलात्कार तथा मंहगाई-गरीबी की धूम और दागी-अपराधी नेताओं की भरमार है। महात्मा गाँधी ने करीब 90 वर्ष पहले महसूस कर लिया था कि आजाद भारत में नेता खलनेता बन देश व प्रजा की दुर्दशा बना देंगे। अतः उन्होंने बड़े सोच विचार कर सात निम्न पापों का बखान किया जो आज वास्तव में हकीकत बन गये हैं।
1. सबसे पहले सिद्धान्त विहीन राजनीति 2. दुसरा श्रम विहीन सम्पत्ति 3. तिसरा विवेक विहीन भोग विलास 4. चौथा चरित्र विहीन शिक्षा 5. पाँचवा नैतिकता विहीन व्यापार 6. छठी मानवीयता विहीन विज्ञान 7. सातवां त्याग विहीन पूजा (स्त्रोत : यंग इण्डिया समाचार पत्र, 22 अक्टूबर 1925)।
आज वर्तमान में फैली अराजकता में इन पापों का वास्तव में अथाह बोलबाला है। जनता क्या करे? राजनेता स्वयं हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने को तैयार नहीं है। संसद-विधानसभा में जबरन कोर्टों के आदेशों को बदलने का कानून लाना जनता के साथ अन्नाय है। झूठ, अफवाह, आरोप-प्रत्यारोप, हत्या और जमानत की राजनीति है। देश व जनता की भलाई के लिए सारे राज, समाज हरेक नागरिक को इन पापो से मुक्त होना अनिवार्य हो गया है। शुद्ध जनादेश, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, तिरंगा और ईमानदार व्यक्तियों का मान-सम्मान हो तथा अदाहत के आदेश सर्वमान्य हों। “जैसा राजा वैसी प्रजा'' के मुहावरे को देश की लिडरशिप कृपया नकारात्मक रूप छोड़कर सकारात्मक रूप को चरितार्थ करें। खुद नेता परिश्रमी और ईमानदार बनें और प्रजा को भी ईमानदार बनावें ताकि न्यायालयों में पड़े लाखों-करोंड़ो मुकदमें स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे और लोगों को न्यायालय नहीं जाना पड़ेगा। वादी-परिवादी, झूठी गवाही देने वाले, वकील एवं न्यायाधीश से लेकर शासन-प्रशासन व जन-जन पाप और पापियों से बेहद दुःखी हैं। महान विद्धवान त्यागी नेताओं ने आजादी के वक्त राम राज्य का सपना दिखाया था। जिसे आज के नेता स्वयं आवश्यक सुधार करके कृपया उसे पूरा करें।
श्रेष्ठ विकास मार्ग विचारधारा
  1. योग्य, अनुभवी, शान्त, साहसी व सुशिक्षित अधिकारी-कर्मचारी, डॉक्टर-इंजीनियर-वैज्ञानिक व ठेकेदार एवं व्यापारी-उद्योगपति और पुलिसकर्मी देश के किसान, जवान, वमजदूर की तरह ईमानदारी और निःस्वार्थ भावना से देश के विकास कार्यो में भरसक हार्दिक सहयोग करें। 
  2. खेतिहर किसान है भगवान रूप, फैक्ट्री मालिकन है देवी रूप, व्यापारी है देवता रूप और सेवा कर्मी है विश्वकर्मा रूप जिनसे देश चल रहा है आज के नेताओं को यह गलफहमी न रहें कि उनकी वजह से वे देश चला रहे हैं।

श्रेष्ठ राष्ट्रीय विचारधारा
  1. भारत ने वीर क्षत्रिय, ज्ञानी-ब्राह्मण, धनि वैश्य और बहादुर दलित ये सब महान हिन्दु सम्प्रदाय के विशाल वट वृक्ष की मजबूत चार शाखाएं है। परम माननीय आर्य, सिख, जैन और बौद्ध महान पवित्र उप शाखाएं हैं। परम मान्यवर प्रिय भाई मुस्लिम और ईसाइ इस राष्ट्र वट वृक्ष पर बड़ी शान-सम्मान से विराजमान है। सभी भाई-बहिन एक-दूसरे का दिल जीत कर एकतापूर्वक स्नेह-प्रेम से रहते हैं। देश में कुछ बुद्धिहीन आपराधिक इने-गिने व्यक्ति द्वारा कभीकार गलत धारणा उपजाने व प्राकृतिक आंधी के कभी-कभी चलते इस भारत राष्ट्र के महान वट वृक्ष को कलंकित कर नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। प्रिय देशवासियों / चित्तौड़गढ़ वासियों ऐसा न होने दें।

आदर सहित धन्यवाद!
- डॉ. भगवतसिंह तंवर (तोमर) |
पूर्व चीफ इंजीनियर
मो. : 9413315843,8890015843
“सच्चाई-सफाई अपनाओ, पानी-पर्यावरण-बिजली बचाओ,
जन-जन पढ़ो-पढ़ाओ, युवा वर्ग को आगे लाओ, देश बचाओ!"