Wednesday 27 January 2016

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान

!जल समन्वित प्रयास! !जल संरक्षण! !जल संग्रहण! !जल संवर्धन! !जल आत्म निर्भरता!
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में भागीदारी निभाओं इसे कामयाब बनाओं
|(सौजन्य से।
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
चार पानी के सिद्धांत पर अब बनी है संकल्पना-गांव को स्वालम्बी बनने की है कल्पना
प्रिय चित्तौड़गढ़ जिला ग्रामीण बंधुओं,
पंच तत्व में जल है एक अमृतपान, जल हे गजब का जीवन बरदान
वसुन्धरा की सोच है महान, चलाया है अनूठा जल स्वावलंबन अभियान
!आदरभाव सहित सादर प्रणाम!
सोचो, समझो और व्यवहार में लाओ यह बहुमुल्य विचार कि “जल है तो कल है' आजादी के बाद 68 वर्षों से जल प्रबंधन के लिए 342000 वर्ग क्षेत्र के राजस्थान जैसे सूखे प्रदेश में ढेरो योजनाएं-परियोजनाएं बनी व क्रियान्वयन हुई और जल बचाओ अभियान भी चलाये गये, लेकिन जल उपलब्धता अभी भी प्रदेश के लगभग 44009 (44572) गांवों की एक समस्या बनी हुई है। बांध, तालाब, कुओं व यहां तक की बोरवेलों का पानी जल्दी सूख जाना एक सामान्य बात है। भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। प्रदेश का 90 प्रतिशत चैत्र जल की दृष्टि से असुरक्षित है। यानि 686 लाख जनसंख्या में से 618 लाख लोग जल के मामले में विशेषकर गर्मियों में असुरक्षित हैं। प्रदेश का कृषि सिंचित क्षेत्र 75 प्रतिशत कुओं-ट्यूबवेलों परनिर्भर है एवं 25 प्रतिशत नहरों पर, जिससे भूजल का अधाधुन्द दोहन होने से अकाल की स्थिती ओर बिगड़ रही है। डार्क जोन में कुएं-ट्यूबवेलों पर रोक लगा दी गई है। ऐसी घनिष्ट परिस्थिति के सुधार के लिए चार पानी के समुचित सिद्धान्त (Four Waters Concept) का अब अपनाते हुए वषो जल, सतही जल, मृदा जल और भूजल के समुचित प्रबंधन पर विचार कर वसुन्धरा सरकार ने एक आश्चर्यजनक व अनूठा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को पहली बार शुरूआत 30 अक्टूबर 2015 से किया है, जिसमें केवल जल सम्बन्धित विभाग ही नहीं बल्कि समूचे प्रशासन के आठ बड़े विभागों जलग्रहण, जल संसाधन, भूजल, जन स्वास्थ्य, पशुपालन, कृषि और उद्यान, वन एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज) को जोड़ते हुए स्थानीय आम जन की भागीदारी के साथ ही गैर सरकारी संस्थाओं, उद्योग जगत की सामाजिक सरोकार शाखाओं, सामाजिक-धार्मिक संगठनों इत्यादि को जोड़ा गया है। स्थानीय आम जनों के साथ ग्राम स्तर पर ग्राम सभाओं की जिम्मेदारी अधिकाधिक निश्चित करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर बीडीओ और जिला स्तर पर जिला कलेक्टर को विशेष जिम्मेदारी सौंपते हुए इन्हें कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए उचित अधिकार दिये गये हैं। मुख्यमंत्री के स्तर से लेकर ग्राम पंचायत के स्तर तक सात (7) समितियों का गठन किया गया है। कार्यक्रम की सफलता निश्चित करने के लिए कार्यक्रम की लगातार मोनिटरिंग एवं प्रगति समीक्षा, कार्यक्रम के सफलता के सूचकांक एवं जल स्वावलम्बन अभियान के संक्षित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पहले से अभियान के निम्न आठ (8) परिणाम पाना घोषित किये गये है।
  1. जलग्रहण क्षेत्र की मुख्य धारा में मई अप्रेल तक प्रवाह रहेगा, 
  2. वर्षा आधारित कुल बारानी क्षेत्र के 40 प्रतिशत क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा 
  3. मुख्य धारा के जल प्रवाह में गंदलेपन की मात्रा कम होगी,
  4. भूजल गर्मी में भी पेयजल आवश्यकता एवं सदाबहार वृक्षों की सिंचाई हेतु उपलब्ध रहेगा,
  5. वर्तमान में 30 मीटर पर उपलब्ध भूजल की 3 मीटर पर उपलब्धता रहेगी, 
  6. गांव सुखा अकाल से मुक्त होकर टेंकर जल आपूर्ति से मुक्त हो जायेगा, 
  7. गिरते भूजल स्तर में ठहराव के साथ भूजल स्तर में अशांतित वृद्धि होगी
  8. सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होना इत्यादि। 

चित्तौड़गढ़ जिले में 27 जनवरी से 16 जून 2016 तक 178 गांवों में 96.42 करोड़ रूपयो की योजनाएं क्रियान्वयन की जायेगी। आशा है कि प्रत्येक आमजन, निर्धारित विभाग, संस्थाएं एवं संगठन अपनी पूर्ण भागीदारी व भरसक भागीरीथी प्रयासों से जिम्मेदारी निभाते हुए सुझबुझ व कठोर परिश्रम द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को कामयाब बनाने में सफल होंगे। पहले से उपरोक्त घोषित परिणाम पाने की दृढ़ इच्छा शक्ति रखते हुए इन्हें पाने के लिए पूर्ण प्रयत्न अनिवार्य है। धन्यवाद !
जीवन के अंधेरे को भगाने के लिए प्रकाश चाहिए,
आंधी, तुफान को दबाने के लिए साहस चाहिए।
जीवन के पल-पल को सूखी बनाने के लिए प्रयास चाहिए,
किसी व्यक्ति का भला करने के लिए विश्वास चाहिए।


Friday 1 January 2016

चित्तौड़ गौरव जागृति अभियान 2016

विकास व अच्छे परिवर्तन स्वरूप नव वर्ष 2015 पर अभिनंदन एवं हार्दिक शुभकामनाएं।
। चित्तौड़ गौरव जागृति अभियान |
चरित्र विकास ही आधुनिक विकास की बुनियाद है। चरित्र विकास पर ध्यान दीजिये।
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
नव वर्ष 2016 में लाये घर पर खुशियां हजार, कर देश का कल्याण दिखाए चित्तौड़ के संस्कार व चमत्कार
प्रिय बंधुओं, चित्तौड़ वासियों,
नव वर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं कि यह बहुत शुभ मंगलमय हो। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमें चित्तौड़गढ़ जैसी विश्व विख्यात नगरी व दुर्ग की पवित्र छाया में पलने और रहने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। नव वर्ष के उपलक्ष्य में हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम प्रत्येक चित्तौड़ निवासी बालक से लेकर किशोर युवा वयस्क वृद्ध एवं वयो वृद्ध महान चित्तौड़ धरा की आन, बान, शान, गरिमा मर्यादा, गौरव, शौर्य स्वाभिमान व त्याग को सदा बनाये रखेंगे। यहां की प्रकृति की शुद्धता व पवित्रता को दुषित नहीं होने देंगे। पर्यावरण की रक्षा करना हमारा प्रथम दायित्व है। लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष चित्तौड़ दुर्ग देखने आते हैं क्योकि
  • चित्तौड़ दुर्ग की कला कीर्ति, संस्कृति, यश, वैभव, शौर्य, सूरज के समान शिखर पर वीर शौर्यवंशियों ने विरासत में दी है। शूरवीर महाराणा प्रताप की मर्यादा, मीरा की भक्ति, पमिनी का जौहर और पन्नाधाय का त्याग बलिदान, महाराणा कुम्भा की विजय, राणा सांगा, गौराबादल, फता, कल्ला, जयमल और बाग सिंह की वीरता का चीरस्थाई इतिहास, चित्तौड़ की मिट्टी के कण-कण में विद्यमान है।