Thursday 5 June 2014

विश्व पर्यावरण दिवस

पर्यावरण सुधार अभियान नं. 6 (2014)
योग्य बन आगे बढ़ा-बढ़ाओं
पढ़ो-पढ़ाओं, देश का स्वाभिमान ऊंचा उठाओ! |
"प्रकृति पर हिंसात्मक प्रहार करना,
मानव संस्कृति और सभ्यता समाप्त करना है"
- महात्मा गांधी

विश्व पर्यावरण दिवस

गुरूवार 5 जून 2014

सौजन्य से : अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान

पानी बचाओं पर्यावरण बचाओं! शिक्षा रोजगार कृषि को उन्नत बनाओं! आमदनी बढ़ाओं सुखी हो जाओ ।

प्रिय भाई बहनों बबाल युवा साथियों !

!जय भारत माता!

ज के आधुनिक विकास के युग में घर, गांव व शहर में अनुशासन, शांति, सुविधा तथा आरामदायक जीवन बिताने के लिए "सामरिक पर्यावरण'' का शुद्ध, साफ-सुथरा व मनमोहक बने रहना अनिवार्य है। सामान्यतया पर्यावरण को केवल प्राकृतिक यानि भौतिक व रसायनिक प्रदूषण के साथ जोड़कर देखा जाता है, लेकिन सुख तथा आनंदमय जीवन के लिए वास्तव में पर्यावरण समस्याएँ मनुष्य के "प्राकृतिक पर्यावरण" के बीच व्यक्तिगत्त, पारिवारिक, सामुदायिक, सामाजिक, सार्वजनिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, नैतिक, अध्यात्मिक एवं राजनीतिक पर्यावरण के शद्ध व अशुद्ध होने के साथ घनिष्टता से जुड़ी हुई है। अतः हमें इन सभी प्रकार के प्रदूषण की तरफ ध्यान देना आवश्यक हैं। जनमानस को सम्बन्धित विभाग व विशेषकर पंचायत, नगरपालिका, प्रदूषण नियंत्रण विभाग अन्य प्रशासनिक विभाग तथा स्वयंसेवी संगठन के साथ सहयोग कर एवं कल कारखानों में सेवा वर्ग को संवेदनशील बन पर्यावरण संरक्षण पर सामाजिक व कानूनन तोर पर पूर्ण ध्यान देना चाहिये।

 मनुष्य शरीर पंचतत्व से बना है- हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी, और आकाश। अगर पृथ्वीन ब्रह्माण्ड पर इन तत्वों का प्रदूषण होता है तो हमारा शरीर भी प्रदूषण युक्त बनकर बीमार पड़ नष्ट हो जाएगा और पृथ्वी लीला भी समाप्त हो सकती है अतः विकास के साथ इन तत्वों को उपयोग करते समयइन्हेयरम् शुद्ध रखना अनिवार्य है।

अतः कृपया ईमान्दारी से प्रयास करिये कि विकास के साथ-साथ कृषि, सिंचाई, जल उद्योग, उद्योग, व्यापार, यातायात व रहन-सहन के तौरतरीके पर्यावरण अनुशासन बनायें रखते हुए किसी प्रकार की धरती पर एवं जल स्त्रोंतो में गंदगी प्रदूषण मत फैलाइये। यह तभी सम्भ्व है जब सब जगह साफ-सफाई रखते हुए जनसंख्या को बढ़ाने से रोकें मल-मुत्र को नियत्रंण में रखें, नदी-नाले, नालीयां साफ रखें, शौचालय का प्रयोग करें, पेड़-पौधे लगायें, प्लास्टिक का दूरूपयोग रोकें, जैवविविधता कायम रखें, अवैध खनन नहीं करें, डीजल-पेट्रोल गाड़ियों का दुरूपयोग नहीं करें, सभी प्रकार के तरल व ठोस कचरे का नियंत्रण कर आवश्यक उपचार करें, धूमपान बंद करें, प्राकृतिक संपदा का अंधाधुंध शोषणा नही करें, नैतिक मुल्य बनाये रखें, संगठित होकर प्यार-मोहब्बत व भाई-चार बना कर रखें, जाति-धर्म, गरीब-अमीर का भेदभाव नहीं रखें और विकास के कार्यों में खुलकर हर स्तर पर शासन-प्रशासन के साथभागीदारी करें।

  • तेजी से विकास के साथ पर्यावरण बनायें रखना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।      -    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
  • राज्य के सभी नागरिकों के सहयोग और भागीदारी से नया राजस्थान बनायेंगे।    -    मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे
  • विकास की रफ्तार के साथ पर्यावरण शुद्ध सीमा में बनायें रखना जरूरी है।             -    विधायक श्री चन्द्रभान सिंह''आक्या''
  • ग्रामीण, शहरी व औद्योगिक विकास को बढ़ाने के साथ-साथ जिले में पर्यावरण संतुलन बनाये रखें।  -    जिला कलेक्टर श्री वेदप्रकाश
  •  पेड़-पौधे लगाये, हरियाली बढाये और स्वस्थ्य जीवन बिताये l                             -    जिला उप वन संरक्षक श्री वीरपाल सिंह


भूत का अंधविश्वास मिटाओं? वर्तमान की विकास अपनाओं! पर्यावरण बचाओं
व्यक्तिगत स्तर से हर गांव-शहर तथा प्रदेश व देश का भविष्य उज्जवल बनाओं,