Saturday 31 May 2014

महाराणा प्रताप जयन्ती

जन-अपील

महाराणा प्रताप जयन्ती, शनिवार 31 मई 2014, ज्येष्ठ शुक्ल 3
प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप ने मातृभूमि के गौरव, स्वभिमान और रक्षा के लिए तथा देश, धर्म और स्वंतत्रता के खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। इस युग पुरूष ने कठोर संघर्षशील बन सभी 36 कोम के जनमानस को साथ ले जागृत किया, प्रेरित किया और संगठित किया तथा मेवाड़ को सम्पूर्ण भारत में एक स्वतंत्र राज्य बनाये रखने में कामयाब रहे। बाद में यही स्थिति अंग्रेजों के भारत छोड़ने तक कायम रही। इसलिए मेवाड़ और मेवाड़ के महाराणाओं को भारत में बड़ी श्रद्धा और आस्था से देखा जाता है। कहते हैं कि छत्रपति शिवाजीका वंश भी मेवाड़ घराने से सम्बन्धरखता है।
महाराणा प्रताप के जीवनकाल को चारभागों में बांटा जा सकता है। प्रतिभावान बाल्य व युवा काल (1540 से 1568 ई.), संघर्षशील काल (1568 से 1576 ई. चित्तौड़ पर अकबर के आक्रमण से लेकर हल्दीघाटी युद्ध तक), संग्राम काल (1576 से 1586 ई. हल्दीघाटी युद्ध से लेकर भयानक युद्धकालजिसमें मेवाड़ का काफी क्षेत्र वापस जीत लिया गया) और शान्ति वसमृद्धिकाल (1586 से 1597 मृत्यु के समय तक) जिसमें मेवाड़ क्षेत्र की सर्वागीण उन्नति कर उसे कृषि,.वस्तु निर्माण, वाणिज्य-व्यापार तथा संस्कृति, कला, साहित्य व शिल्पमेंऊँचा उठाया गया। प्रताप अपने जन्म( 9 मई 1540) से लेकर मृत्यु (19 जनवरी 1597) तक जीवन परत स्वतत्रता को लेकर उच्चतम प्रेहरी बने रहे और अन्तर्म ईश्वरीय रूप धारण कर लिया।
भारत की अंग्रेजों से आजादी के आन्दोलन में सभी क्रान्तिकारी व शांतिप्रिय नेताओं ने तथा राष्ट्र के सेवाभावी राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ व अन्य कई देश भक्त संगठनों ने जिसमें आज के परीपेक्ष में व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी भी शामिल है। महारणा प्रताप से लेकर छत्रपति शिवाजी, गुरू गोविन्दसिंह, स्वामी विवेकानन्द और महात्मा गांधी जैसे कई महान पुरूषों से असीम प्रेरणा लेकर देश का नया इतिहास रचा है और रचा जा रहा है।
महाराणा प्रताप की महानवीरता के गुण, त्याग, गौरव, स्वाभिमान, यता, अदम्य साहस, धैर्य, क्षमता, दृढ़ता, आत्मबल, आत्मविश्वास, नेतृत्व शक्ति और प्रभु श्रीरामसी सर्वोच मर्यादा और आदर्श चरित्र जन-जनके जीवन के लिए प्रेरणास्त्रोत है ।ऐसे युग पुरूष महाराणा प्रताप की बारम्बार जय-जयकार। वीरभूमि चित्तौड़ एवं मेवाड़ के जनमानस ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतवासियों का कर्तव्य है कि
महाराणा प्रताप की जंयती मनाते हुए उच्च प्रेरणा स्वरूप इनके महान गुण अपनाये व वर्तमान प्रधानमंत्री एवं प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री की विकास योजनाओं वपरियोजनाओं में सहयोग देते हुए देश का भविष्य उज्जवल बनायें। विकास पुरूष श्री नरेन्द्र मोदी सविनय अपील है कि नगर परिषद द्वारा आयोजित महाराणा प्रताप जंयती समारोह, जन शौभा यात्रा
व्यायाम प्रदर्शन एवं प्रताप क्लब द्वारा खेलकुद प्रतियोगिता के अलावा कृपया व्यापार जगत व चित्तौड़ के बड़े उद्योग घराने( हिन्दुस्तान जिंक, बिरला, आदित्य, जे. के., वण्डरवलाफार्ज) तथा विभिन्न मार्बल यूनिट्स को भी अपने स्वयं के उपयुक्त स्थान पर स्टेज, सामियाना लगा महाराणा प्रताप की प्रतिमा/तस्वीर के सामने प्रताप जयंती मनायें और यथा सभंव मिठाई वितरित करें।नगर परिषद को प्रताप सर्किल का ओर अधिक सौन्द्रीयकरण करना चाहिये।
बोल जय प्रताप की आज संकल्प लो! बनायेंगे जिला चित्तौड़ को भ्रष्टाचार मुक्त।
बोल मंत्र नमो-नमो! करेंगे तेजी से विकास हटा आलस्य और बन चुस्त दुरूस्त ।।



Tuesday 13 May 2014

ग्रामीण विकास सुधार अभियान

भारतीय समाज में शक्ति, संम्पन्नता और संस्कृति पुनः आम बहाल हो ।शिक्षा व्यवस्था आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बनें। समाज को अन्धेरे, मायूसी और गरीबी के विष चक्र से मुक्ति मिलें। किसान संघर्षशील बन पूर्ण उन्नत तकनीकी ज्ञान आधारित खेती अपनायें।हम गरीबों की सुने, गरीबों के लिये जिये और आपसी विश्वास तथा कठोर परिश्रम द्वारा भरोसे की सभ्यता अपनाते हुए देश को विश्व में प्रथम स्थान दिलायें देश को लुटने से बचाऔं ।जय हिन्द!
सरकार नये राजस्थान के संकल्प के साथ सहभागिता, सहमति, जवाबदेही, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, प्रभावी दक्षता, और न्याय संगत प्रशासन, जन-जन के विकास और आधुनिक उन्नति के आधार पर कार्य करेंगी जिससे हमारा सूराज का सपना सम्पूर्ण प्रदेश वासियों के सर्वांगीण विकास के साथ बेहतर कानून व्यवस्था प्रदान करते हुए अवश्य पूर्ण होगा। ईश्वर से कामना है कि प्रत्येक प्रदेशवासी अपने अमूल्य जीवन को सफल बनाने में कामयाब हो। जयराजस्थान! जय हिन्द!

ग्रामीण विकास सुधार अभियान

अभियान के चार बुनियादी चरण पर विशेष अभियान
सौजन्य से : अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
पानी बचाओं! पर्यावरण बचाओं! पेड लगाओ! शिक्षा रोजगार कृषि को उन्नत बनाओं! आमदनी बढ़ाओं!

  • पहला चरण - ग्रामीण शिक्षा सुधार अभियान।

  1. शिक्षा / स्कूल वातावरण सुधार
  2. गृह वातावरण सुधार( शैचालय, स्नानघर, हरे पेड़) 
  3. आर्दश प्रतिभाशाली पारिवारिक स्तर
  4. कार्य कुशल लाभान्वित रोजगार 
  5. सड़क यातायात साधन की उपलब्धता 

  • दूसरा चरण - स्वयं किसान द्वारा कृषि सुधार अभियान।

  1. भूमि उपजाऊ बनाना 
  2. उन्नत प्रमाणित बीज-खाद, दवाई का उपयोग 
  3. स्वथ्य पशुधन की बढ़ोतरी 
  4. गोबर गैस संयत्र निर्माण
  5. प्रदूषण नियंत्रण। 

  • तीसरा चरण - ग्रामीण शासकीय कृषि सुविधाओं का सुधार अभियान।

  1. पर्याप्त पानी 
  2. बिजली 
  3. सिचांई साधन 
  4. फार्म मशीनरी 
  5. मार्केटिंग सुविधा 

  • चौथा चरण - ग्रामीण परिवारों द्वारा सामाजिक दोषमुक्ति अभियान।

  1. रोकथाम बालविवाह वह देहज 
  2. मृतक भोज 
  3. मदीरा पानवपानमसाला, गुटखा, चरस 
  4. कर्ज भारनियंत्रण 
  5. महिला पिछडापन दूर करना और जनसंख्या विस्फोट नियत्रंण ।

आबादी का बढ़ता बोझ! साधन घटते जाते रोज!बच्चे-महिला-युवा-वृद्ध सब मिल ग्रामीण विकास सुधार की करों सोच।

आत्मीय चित्तौड़ जिला ग्रामीण भाई बहनों! जय एकलिंगनाथकी! जयमातेश्वरीकी! जय सावंलिया की! सादर प्रणाम!
विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ जिले के निवासी होने से हम सब बडे गौरवशाली हैं। ग्रामवासी भाई बहन सरल स्वभाव के वीर पृष्टभुमी, ईमानदार किसान, मजदूर, व्यापारी, सेवाकर्मी सब स्वाभिमान पूर्वक अपना प्राकृतिक जीवन व्यतित करते आये है।आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कई कारण है।अच्छी शिक्षावरोजगार की कमी, अपर्याप्त कृषि साधन, उचित कृषि तकनीकी एवं तौर तरीके का कमजोर प्रचलनगांवो में रोजगार की कमी और अंधविश्वास व रूढ़ीवादी सोच विचारधार के चलते कई पारिवारिक तथा सामाजिक कुरीतियों का प्रचलन आदि।इन सब कमजोरियों को दूर कर एक होकर आगे बढ़ने और वास्तविक मजबूत आर्थिक सुधार लाने से ही गांवो की दिशा और दशा बदलेगी।
"सोच को सुधारिये सितारे बदल जायेंगे, नजरिये को सुधारियेनजारे बदल जायेंगे।
भाईयों तुम्हें जरूरत नहीं किश्ती को बदलने की, किश्ती के रूख को बदलों किनारे बदल जायेंगे।''
कृपया आईयें! विकास के पिछले 60-70 वर्षों का ढर्रा बदलकर जाति-धर्म, गरीब-अमीर और गांव-शहर के भेद भाव तथा सभी कुरूतियों को दूर ढकेलकर सही दिशा में हम सब मिलकर तेजी से ग्रामीण विकास का सुधार करें। प्रचलित एवं नई आने वाली राजकीय योजनाओं को सफल बनावें। शासन, प्रशासन, सभी जनप्रतिनिधियों और आपसी जन-जन के सम्मान के साथ सौहार्दपूर्वक सहयोग की अपेक्षा करते हुए उपरोक्त चार चरणों पर ध्यान केन्द्रित कर सच्चे विकास सुधार की तरफ तेजी से कदम बढ़ायें। धन्यवाद!

भूत का अंधविश्वास मिटाओं! वर्तमान की सच्चाई अपनाओं!
व्यक्तिगत स्तर से हर गांव-शहर तथा प्रदेश व देश का भविष्य उज्जवल बनाओं