Tuesday 25 March 2014

सामाजिक जन चेतना अभियान

सामाजिक जन चेतना अभियान (2013-15)
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान द्वारा नवम्बर 2013 से फरवरी 2015 के बीच 12 सामाजिक अभियान विभिन्न मुद्दों पर चलाए गये।
  1. पंचायत के जिम्मेदारी पर जनचेतना (नवम्बर 2014 - फरवरी 2015) 
  2. पंचायत निर्विरोध चुनाव के महत्व पर जनचेतना (दिसम्बर 2014 से जनवरी 2015) 
  3. नगर निकाय चुनाव (अक्टूम्बर 2014) 
  4. सड़को की दुर्दशा पर जनजागरण (अक्टूम्बर 2014) 
  5. स्वच्छ भारत अभियान (सितम्बर–फरवरी 2015) 
  6. वृद्धजन दिवस - गांधी जयन्ती प्रेरणा (अक्टूम्बर - नवम्बर 2014) 
  7. विश्व पर्यावरण दिवस (जून - सितम्बर 2014) 
  8. महाराणा प्रताप जयन्ती (मई - जून 2014) 
  9. ग्रामीण विकास सुधार अभियान (मई 2014 -- फरवरी 2015) 
  10. बाल विवाह रोकथाम अभियान (अप्रेल - मई 2014) 
  11. विश्व जल दिवस (मार्च - अप्रेल 2014) 
  12. राजस्थान विधानसभा अभियान (अक्टूम्बर - दिसम्बर 2013) 




Saturday 22 March 2014

विश्व जल दिवस

स्वतंत्रता व लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदाता कृपया 17 अप्रेल
को शत प्रतिशत मताधिकार का उपयोग अवश्य करें

विश्व जल दिवस

22 मार्च, 2014
जल बचाओ, जल की गुणवत्ता बचाओ और सुखी जीवन बिताओ

प्रिय चित्तौड़गढ़ जिला बन्धुओं! निम्न 12 जल संबंधित बातों पर विशेष ध्यान दें -
  1. जल ही जीवन है। जल है तो कल है। जल होगा तो विकास होगा-चाहे वो कृषि विकास हो, औद्योगिक विकास हो, ग्रामीण वशहरी विकास हो और आखिरकार मानव विकास।
  2. जल की मात्रा और गुणवत्ता बचानावबहाना विकास के लिए दोनों जरूरी है। 
  3. जल की मात्रा व गुणवत्ता दोनों को बचाने के लिए जल का सभी कायों में सदपुयोग करना एवं स्वच्छता रखना यानि जल को फिजुल खर्ची एवं प्रदुषण से बचाना जरूरी है। जल उपयोग सेक्टर है- कृषि, उद्योग, बिजली उत्पादन, बाजारू होटल, रेस्तरां व बर्फ फैक्ट्रियां, सार्वजनिक व निजी निर्माण कार्य, पेयजल कार्य इत्यादि।
  4. जल बचत के लिए किसान वर्ग, औद्योगिक वर्ग, व्यापारी वर्ग, सेवा कर्मी वर्ग, मजदूर वर्ग विद्यार्थी एवं गृहणियों सभी को बाल्यवर्ग से लेकर युवा, वयस्क एवं वृद्धवर्ग तक की घनिष्ट भागीदारी जरूरी है।
  5. जल प्रमुखतौर पर संम्पदा के आधार पर चार श्रेणियों में पाया जाता है - (1) वर्षा जल (2) नदी-नालों, नहर, चश्मों का जल (3) जलाशय - नाडा, नाडी, तालाब, एनिकट व बांध का जल (4) जमीन में कुंए, हैण्डपम्प, बोरवेलवट्यूबवेल का जल और पातालतोड़ कुंओं का जल प्रति व्यक्ति जलकी मात्रा लगातार घट रही हैं।
  6. भूजल स्तर नीचेगहराई में जा रहा है। जल बचाना और बढ़ाना अति आवश्यक है। 
  7. जलगुणवता के आधार पर प्रमुखतौर से कहलाता है -(1) मीठा जल (2) खारा जल, (3) नमकीन जल। 
  8. समुद्र जल सभी प्रकार के जल का स्रोत है, जो बादलों के सहारे जमीन पर पहुंचता है। 
  9. पृथ्वी पर हमारे देश-प्रदेश में कुल जल का 80 प्रतिशत भाग कृषि उपज में, 5 से 10 प्रतिशत विभिन्न उद्योग, व्यापार व बिजली उत्पादन में एवं 5 से 10 प्रतिशत जल पीने, घरेलु खर्च व निर्माण कार्य में काम आता है।
  10. अतः जल बचत में किसानों की विशेष भूमिका है। 
  11. जल एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में नहरों द्वारा, खेत, थोरों/ खालों द्वारा बड़ा खराब होता है। इनमें सुधार आवश्यक है। 
  12. सीधे खेत में खुली सिंचाई करने के बजाय पाईप, डीप व स्प्रिंकलर विधि द्वारा जरूरी है। खेत में प्लॉट भी छोटे, समतल व व्यवस्थित हों इससे उपज भी बढ़ेगी।

अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
चित्तौड़ीखेड़ा, चित्तौड़गढ़-राजस्थान
मो. : 9413315843 डॉ. भगवतसिंह तंवर ( तोमर)
पूर्व चीफ इंजीनियर व अध्यक्ष


Wednesday 19 March 2014

वसुंधरा जल क्रांति जन चेतना अभियान

जय-जय शुद्ध जल ! जय-जय शुद्ध हवा ! जय-जय शुद्ध पर्यावरण ।
यह तीनों स्वस्थ्य जीवन जीने की है दवा !
वसुंधरा जल क्रांति जन चेतना अभियान
: सौजन्स से :
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
(डॉ.भगवतसिंह तंवर, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर व संस्थान अध्यक्ष)
मो. +91413315843, ऐप. 9460490043, ई-मेल awesiraj@gmail.com
जन-जन अमृत जल का मोल पहचानों, जल संग्रह–संरक्षण-सवंर्धन और इसके सुदपयोग की विधि जानो
प्रिय भाई बहनों और दोस्तों, सादर प्रणाम !
बारिश के अमृत जल को बेकार मत बहने दो
जहां धरती पर बरसे उसमें इसे रहने दो
क्या आपने कभी सोचा है कि एक किलो गेहँ पैदा करने में पॉच ड्रम 1350 किलो) पानी का उपयोग हो रहा है ?यानि एक किलो गेहूं खाने का मतलब है हमने 5 ड्रम पानी पी लिया। राजस्थान वासी हरेक अगर एक लोटा पानी प्रतिदिन बचाये तो एक वर्ष में कुल पानी की मात्रा से पचास हजार टन अनाज पैदा किया जा सकता है। पेयजल हो या खेती में व उद्योग में जल के उपयोग की बात, हम लापरवाह बन छत व धरती पर वर्षा जल, बांध -- तालाब का जल, मृदा जल और कुए, - बावड़ी व बोरवेल के जल (चारों जल) को बेकार बहने व उड़ते देने के अलावा इनका बेहद दुरूपयोग कर रहे है! इसे बेकार में क्यों बहने व उड़ने दे रहे है? गंदा नालियों में छोड़कर जल को दूषित बना गंदगी फैला रहे है! हमारा जल संग्रह, संरक्षण, संवर्धन और सदुपयोग की तरफ कोई उचित ध्यान नहीं है। कोई नियमित जनभागीदारी नहीं है। बांध कमान क्षेत्र में पारम्परिक सिंचाई द्वारा विशेषकर मेवाड़ के पहाड़ी इलाको के बीच 50 प्रतिशत तक पानी बेकार में खराब हो रहा है जहां वैज्ञानिक तौर से आधुनिक सिंचाई करने की आवश्यकता है।
‘‘जल ही जीवन है” और “जल है तो कल है" तथा “साफ सुथरा पृयावरण है” तो जीवन का आनंद है| इन बातों को हम गम्भीरता से नहीं लेते, चाहे इसका कितना ही प्रचार - प्रसार किया जाये। यही कारण है कि हमारा जीवन स्तर विश्व में कई देशों के मुकाबले निम्न स्तर पर है और हम सही मायने में गरीबी के स्तर से ऊपर उठ नहीं पा रहे है| इस दुर्दशा के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है । 70 साल आजादी के बीतने के उपरान्त भी विकास तो विकास सफाई रखवाने व शौचालय बनवाने के लिए भी केन्द्र एवं राज्य को कड़ी मशकत उठानी पड़ रही है। इस कार्य में भी जल का होना अति आवश्यक है।
अतः वसुन्धरा सरकार ने राजस्थान जैसे सूखे प्रदेश में जल के महत्व को सर्वोच्च समझते हुए प्रथम चरण (2003-2008) में जोरदार “जल बचाओ अभियान चलाया" और अब दूसरे चरण में (2013-2018) में भी एक अनूठा ‘‘मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान (MJSA)" ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जा रहा है, जिसकी विशेषता यह है कि इसे शासन, प्रशासन, औद्योगिक, सामाजिक, धार्मिक ट्रस्ट व अन्य सभी क्षेत्रों के साथ जोड़ा गया है । यह पहली बार ऐसा हुआ है जो वास्तव में “जल क्रांति" का श्रेष्ठ रूप है।
राज्य स्तर पर ‘राजस्थान नदी बेसिन व जल प्राधिकरण" के अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य निदेशक समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री स्तर से लेकर कई ग्राम स्तर तक कई समितियों का गठन किया गया है और जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में लगभग सभी सरकारी विभागों के साथ - साथ माननीय मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि एवं कई निजी संस्थान, जल स्वालम्बन अभियान के साथ जुड़ जुके है और लगातार जन सहयोग भी मिल रहा है । आप भी इस अत्यन्त महत्वपूर्ण ‘‘जल क्रांति अभियान के अवश्य ही सहयोगी बनिए । अपने जीवन में वैज्ञानिक तौर पर जल संग्रह, संरक्षण, संवर्धन और सदुपयोग की पूर्ण जिम्मेदारी लीजिए और साथ ही "भारत स्वच्छ मिशन" के साथ जुड़कर अपने मोहल्ले, गांव व शहर को साफ सुथरा बनाईये । जल क्रांति को सफल बनाईये । धन्यवाद !
वसुन्धरा लाई है जल क्रांति-जागो उठो अपनाओ इसे, वो नहीं कोई भांति
जय चित्तौड़ ! | जय राजस्थान | ! जय भारत !



Sunday 2 March 2014

पंचायत राज चुनाव

प्रिय बंधुओं पढ़ो-पढ़ाओ। समझो-समझाओ! जागरुक व सक्रिय बन सहयोग करो।
**पंचायत राज चुनाव का बज गया ढोल -करो उम्मीदवारो की योग्यता का मोल"
अच्छा, ज्ञानी, शिक्षित, चरित्रवान, ईमानदार, अनुशासित, परिश्रमी, खानदानी हो।
माल उड़ाने वाला भ्रष्ट, पक्षपाती, घमण्डी, लालची, शराबी, सुस्त, धोखेबाज नहीं हो
पानी पीओ छानकर अपील वोट दो जानकर
गांव की चुनो वो सरकार, जो करे ऊँचा विकास दिलाये रोजगार
(चुनाव का एक दिन बचाना और माता-पिता, बहिनों व भाईयों सब कृपया वोट डालने जरूर जाना)
हमारा लक्ष्य
"ग्रामीण आर्थिक क्रांति लाना, ऊँचे विकास की गाड़ी दौड़ाना और ईंजन मजबूत बिठाना है।
पक्षपात भेदभाव, भ्रष्टाचार, अत्याचार, वंशवाद और गांव की जनता का दुख-दर्द मिटाना है।
गांव में कोई पार्टी बाजी नहीं, किसी की आलोचना नहीं और ईमानदारी व भाईचारे का पाठ पढ़ाना है।
ग्रामीण बच्चे, युवा-जवान, वृद्ध और गरीब-अमीर, किसान मजदूर सबका जीवन सुखी बनाना है।"

पंचायत की जिम्मेदारी

  • बच्चों व विद्यार्थियों के प्रति - आंगनवाड़ी, अच्छे स्कूल, ड्रेस, किताब, योग्य शिक्षक, मीड-डे-मिल व उचित खेल मैदान की व्यवस्था बैठाना। आवश्यकतानुसार नर्सरी, प्रारंभिक शिक्षा से लेकर कम से कम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा तक का प्रबंध करना। अच्छे संस्कार पनपाना। शिक्षा केवल जीविका के लिए नहीं बल्कि जीने के लिए होती है। गांवों में शिक्षा स्तर को काफी सुधारने के जरूरत है।
  • युवाओं के प्रति - उचित रोजगार के साधन उपलब्ध कराना, सभी की प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
  • जवानों के प्रति - कृषि, व्यापार, कुटीर उद्योग व सार्वजनिक सेवा कार्यो की सफलता के लिए गांव के व्यक्तियों को आवश्यक सहयोग प्रदान करना। मनरेगा सुचारू रूप से चलाना।
  • वृद्धों के प्रति- परिस्थिति के अनुसार वृद्धों की मांगों को स्वीकार कर उनकी हर सहायता करना। बुढ़ापा पेंशन को समय पर भुगतान होने में सहायता प्रदान करना। वृद्धों के प्रति आदर और सेवा की भावना को बढ़ावादेना।
  • स्वास्थ्य स्वच्छता के प्रति - गांव में योग, आर्ट ऑफ लिविंग, शौचालय व चिकित्सा व्यवस्था अच्छी बने, आशा बहिन व एएनएम अच्छा कार्य करें। स्वच्छता अभियान को लगातार गम्भीरता पूर्वक चलाया जाये।पशु चिकित्सा का भी अच्छा विकास हो। गांव की सड़क व नालियों साफ सुथरी हो। पैड़ पौधों का गांव में विकास हो।मुक्ति धामआधुनिक बनें। गोबर गैस प्लांट लगे।
  • विकास व रोजगार सुविधाएं जुटाने के प्रति - आवश्यक विकास सुविधाएँ उपलब्ध कराने में तेजी लाई जाये - बिजली, पानी, सड़क रोशनी, मिनी बैंक, चरागाह, भूमि विकास, कृषि-बागवानी विकास, पशु विकास आदि के कायों में मदद एवं विभिन्न प्रकार के रोजगार दिलाने में सहयोग करना।
  • महिलाओं के प्रति - महिला सशक्तिकरण में पूर्ण सहयोग करते हुए मानवाधिकारों को उजागर करना।
  • प्रशासन के प्रति - पंचायत अनुशासन और प्रशासन सुचारू रूप से चले। यह मूल रूप से जिम्मेदारी निभाना। जिला व ब्लॉक से बनी ग्रामीण योजनाओं को तेजी से क्रियान्वयन किया जाना। पंचायत दिवस तथा कार्यकारिणी बैठकों एवं ग्राम सभाओं का नियमित लगातार आयोजन, व्यवस्थित रूप से हों। ब्लॉक व जिला स्तर पर सभी विभागों का सहयोग लगातार लिया जाये। गांव के सभी नागरिक अधिक से अधिक इनआयोजनों में भाग लें।