Monday 5 June 2017

विश्व पर्यावरण दिवस : 5 जून 2017

वायु, जल, ऊर्जा, पृथ्वी, आकाश पंच तत्व को शुद्ध रहने दो।
प्रदुषण रोको पर्यावरण बचाओ स्वस्थ्य पर्यावरण में जीवों व जीने दो।।

बच्चा बालक युवा जवान रखो प्रकृति पर्यावरण का पूरा ध्यान और रहो बन अच्छे इंसान।
कार्बन उत्सर्जन - चीन 27.3% ,अमेरिका 16.4%, भारत 6.6%
195 देशो का पेरिस जलवायु समझौते का पालन हो।

प्रिय भाई- बहनो,
                         जय हिन्द!
        आज 5 जून को पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है, क्योकिं विकास की अंधी दौड़ सम्पूर्ण विश्व के पर्यावरण के लिये खतरा बन चुकी है। वायु दूषित, जल जहरीला, उर्जा प्रदूषित, आकाश में छिद्र और पृथ्वी प्राणी की बढ़ती जनसंख्या से कम्पयमान हो रही है। पुण्य कम हो रहे है और पाप-अपराध बढ़ रहे है। मानव मानव से अपमानित हो रहा है। न्यायालयों में मुकदमों का ढे़र लगा पड़ा है।  सम्पर्क पोर्टल भी शिकयतों से लदा पड़ा है और बेअसर हो चुका है। क्या इसी को जीवन जीना कहते है घ् नहीं! तो पिछे मुड़िये और ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ को सर्वोच्च महत्व देते हुए गांव-शहर की स्वच्छता के साथ-साथ प्राकृतिक पर्यावरण के पंच तत्व वायु, जल, ऊर्जा, पृथ्वी और आकाश को शुद्ध बनाये रखने में पूर्ण सहयोग करते हुए अच्छे संस्कार, शिष्टाचार और नैतिकता का परिचय देते हुए निम्न प्रमुख पर्यावरण पहलुओं पर भी ध्यान देते हुए मानव जीवन को विश्व पटल पर आनंदमय बनाईये।
1. पारिवारिक पर्यावरण  2. शिक्षा-सांस्कृतिक व धार्मिक पर्यावरण  3. सामाजिक पर्यावरण
4. आर्थिक पर्यावरण और 5. राजनीतिक पर्यावरण
  अगर यह सब पर्यावरण के पहलू शुद्ध रहेगें  तब प्राकृतिक पर्यावरण  अपने आप ही शुद्ध बना रहेगा।  प्रकृति का शोषण अपराध है।
भारतीय पांच हजार साल पुराना अथर्ववेद प्रकृति को समर्पित है।  इससे प्रेरणा लें और प्रकृति को समर्पित रहकर तन्दुरूस्त रहें।
 प्राकृतिक पर्यावरणः- वायु, जल, अग्नि, ऊर्जा, पृथ्वी एवं आकाश पंचतत्व ये जीवनदान है। शरीर पंच तत्वों से बना है। जनसंख्या विस्फोट पर नियत्रंण रखते हुए  ‘‘शुद्ध वायु के लिए’’ अधिक से अधिक पेड़ लगाये। गांव -शहरों में पेट्रोलियम वाहनों का व्यर्थ उपयोग कम करें । स्थानीय जगह साईकिल का प्रयोग करें। गंदगी नहीं फैलने दें। ‘‘शुद्ध जल के लिए’’ नदी, नालों तालाब, झील, कुओं-बावड़ियो, बोरवेल और समुद्र में कचरा मत जाने दीजिये। जल का उपयोग आवश्यकता अनुसार सही तरीके से करें। ‘‘शुद्ध अग्नि- ऊर्जा के लिए’’ पवन, सौलर व भौतिक ऊर्जा का अधिक प्रयोग हो तथा पृथ्वी का तापमान नियत्रंण में रखते हुए ग्लोबल वार्मिंग व जलवायु परिवर्तन से बचें।     ‘‘शुद्ध आकाश के लिए’’ आकाश के  प्रदूषण को बचाना होगा ताकि ओजोन परत में छेद नहीं हों।  पेराबेंगनी सूर्य की किरणों से ओजोन परत हमारा बचाव करती है।  ‘‘शुद्ध पृथ्वी के लिए’’  पृथ्वी पर अत्यधिक अवैध खनन को रोका जायें। पेट्रोलियम व भूजल को सीमित मात्रा में निकाला जायें।  पाॅलीथीन का दुरूपयोग नही हो।  मिटटी में अत्यधिक रसायन नहीं मिलाये जावें। पृथ्वी का ‘‘आईसोस्टेटिक बेलेंस’’ बना कर रखा जायें।  इन्हीं  सब बातों का ध्यान रखने के लिए ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस’’  के अलावा विश्व जल दिवस, विश्व ओजोन दिवस, विश्व उर्जा दिवस और विश्व पृथ्वी दिवस भी मनाये जाते हैं तथा संबधित कई अधिनियम नियम बनाये गये है। इनका पालन करना प्रत्येक देश  व विश्व के नागरिक का कत्र्तव्य है। धन्यवाद।
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निजी छोड़ पब्लिक वाहन का हो खुशी से अधिक उपयोग। उर्जा बचा सड़क पर्यावरण बचाने में जन-जन का हो सहयोग।।
अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान चित्तौड़ीखेड़ा, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)

 
डाॅ. भगवत सिंह तंवर (तोमर)
पूर्व चीफ इंजीनियर व संस्थान अध्यक्ष
तथा संरक्षक वरिष्ठ नागरिक मंच, चित्तौड़गढ़
+91 9413315843 +91 9413248248  +91 9460490043 (Whats App)
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वच्छता रख मानवीय मर्यादा और भाईचारा बढ़ाएंे।



श्रीमती देवेन्द्रा कंवर

समाज उत्थान कार्यकर्ता
01472 . 297025