Thursday 18 August 2016

पर्यावरण संरक्षण और निरंतर योग

पर्यावरण संरक्षण और निरंतर योग अपनाओ-स्वस्थ्य लंबा जीवन पाओ अभियान

प्राकृतिक पर्यावरण - पंच तत्व की शुद्धता का संरक्षण (हवा, पानी अग्नि, धरती, गगन) सामाजिक पर्यावरण- पंच बिन्दू की पवित्रता का संरक्षण (संस्कार, संस्कृति, शिक्षा, समता मानवता) योग पर्यावरण- शारीरिक, मानसिक व मनोवैज्ञानिक ताकत का बढ़ावा
पानी बचाओं, पेड़ लगाओं, पर्यावरण बचाओं,

प्राकृतिक पर्यावरण बचेगा तो धरतीगगन बचेगा सामाजिक पर्यावरण बगा तो मानवता बचेगी और योग पर्यावरण  देश है।

प्रिय बंधुओं-भाई बहनों,
जय हिन्द ! स्वच्छ भारत
आवश्यकता घटाओं, शौचालय बनाओं, स्वच्छता बढाओ !
आज विकास स्वरूप एक तरफ अपार सुविधाएं तथा धन-दौलत की सीमा बढ़ रही है, लेकिन दूसरी तरफ उतनी ही शारीरिक ताकत तथा मानव मानसिकता घट रही है, जो बड़ी चिन्ता का विषय है। अगर औसतन आयु बढी भी है तो वह चिकित्सालय और बेशुमार दवाईयों तथा सरकारी व निजी खर्च एवं इलाज में समय की बर्बादी के सहारे बड़ी है। वर्तमान सुविधा विकास और रहन सहन के तौर-तरीकों ने दुखदायी जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा दिया है, जिससे प्राकतिक आपदाओं में बढ़ोतरी हुई है। बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुमानी, आंधी, तुफान ने दशा बिगाडी है। देश का कीमती टैक्स सम्पदा का अत्यधिक खर्च जहां आपदा प्रबंधन में हो जाता है, वही कई गुना पैसा दूसरी ओर सामाजिक जिम्मेदारियों में खर्च हो जाता है। मजबूरन सरकारी सड़कें, भवन व अन्य निर्माण कार्य कमजोर डिजाईन व कम गुणवत्ता वाले बन रहे हैं, जिसके उपयोग से जनमानस दुखी है और दुर्घटनाएं हो रही हैं।
70 वर्ष की आजादी के पश्चात् अन्तराष्ट्रीय कई तरीकों से मदद मिलने के बावजूद भी जनता किस पायदान पर खड़ी है, आप स्वयं जानते है। करोडो लोग दुखी जीवन व्यतीत कर रहे है, जो गजब की गरीबी की मार से पीड़ित है। प्रत्येक घटना के दो पहलु है- एक जो दिखता है और दूसरा दर्शन को समझना होता है। केवल दिखावे और भावना में बहकर जनता गलत फैसले ले लेती है। इससे क्या होगा?
भयानक समस्याओं का सीधा साधा समाधान हैं- "पर्यावरण संरक्षण और निरंतर योग अभ्यास" इस फॉर्मूले को अपनाकर निश्चय ही जीवन का आनंद लीजिये। इस विषय में जन जागरूकता बढ़ाने, पर्यावरण व योग संबंधी कार्य को बढ़ावा देने तथा आपदाओं के जोखिम से बचने-बचाने के लिए कई दिवस मनाये जाते है। जिन्हे कृपया याद रखकर अवश्य मनाये और पर्यावरण संरक्षण के लिए योग द्वारा चुस्त-दुरूस्त रह कार्य करें।