Friday 24 October 2014

नगर निकाय चुनाव - 2014

सोचे-समझें। कृपया पढ़े-पढ़ावें ।

नगर निकाय चुनाव - 2014

सफल चुनाव जन जागरूकता अभियान
  • राजस्थान के 184 नगरों में से 43 नगर निकायों के चुनाव प्रस्तावित है। चित्तौड़गढ़ जिले की 3 नगर निकायों के चुनाव होने है  (1) शहर चित्तौड़ (2) शहर निम्बाहेड़ा (3) शहर रावतभाटा।
  • आदरणीय नगरवासियों से सप्रेम अपील है कि 100 फीसदी चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर अपनी पसन्द के योग्य उम्मीद्वारों को चुनकर तीनों नगर निकायों के चुनावों को सफल बनावें।

कौन बने उम्मीदवार और किसे चुने ?
ऐसे योग्य, चरित्रवान, ईमानदार, शिक्षित, ज्ञानी और चुस्त-दुरूस्त, पुरूष-महिला अपनी उम्मीदवारी पेश करें जो उम्मीदवार निम्न प्रकार की विशेष योग्यताएँ रखता हो और केवल पार्टी हित व पार्टी में दबदबे को छोड़कर लोकहित में पूर्ण योग्यता के आधार पर चयन हो। महान पवित्र लोकतंत्र का सही मतलब समझ कर लोकतंत्र के पूर्ण सिद्धान्तों को अपना कर उन पर चलने में पूर्ण विश्वास रखता हो। 
  1. उम्मीदवार को वार्ड, शहर की संस्कृति, सभ्यता, सुविधाएँ, असुविधाएँ और हर प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ण जानकारी हों और अपने क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति व्यवहार कुशल रहकर मधुर संबंध रखता हो तथा परस्पर वार्ड-शहर के लोग भी उसे चाहते हों। 
  2. आर्थिक रूप से दमदार हो तथा घर परिवार की कोई विशेष जिम्मेदारी उस पर नहीं हो जो नगर सेवक के सक्रियता से कार्य करने में बाधित बनें। 
  3. शहरी समाज, शासन, प्रशासन व नगर निकाय के सभी अन्य जनप्रतिनिधियों से अच्छे संबंध बनाकर शहरी विकास के सभी कार्य श्रेष्ठ गुणवत्तापूर्वक करवाने का सामर्थ्य रखता हो। अतिक्रमण हटाने व भूमाफियों के दबाव में नहीं आने में सक्षम हो। 
  4. अपने क्षेत्र की साफ सुथरी सड़कें, गलियां व नालियों तथा सुव्यवस्थित रोशनी ढंग से रखवाने में सक्षम हो। कचरा प्रबन्धन ठीक तरह करवा प्रदूषण रोक पावे। आवारा पशुओं पर नियंत्रण करा पावे। मोहल्ले, सेक्टर की साफ सफाई रखवाना अपना पहला दायित्व समझे। स्वच्छ भारत अभियान में बिना हिचकिचाहट के बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने में सक्षम हो। 
  5. शहर से निकलते नदी-नालों की सफाई व्यवसथा व सौन्दर्यता बनाने व बनाये रखने में पूर्ण सहयोग करे। चित्तौड़गढ़ की यमुना (गंभीरी) और गंगा (बेड़च) को विशेषकर साफ सुथरी और सौन्दर्यवान बनाने का संकल्प लें ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। 
  6. नगर विकास संबंधी प्रचलित कानून व नियमों का पूर्ण ज्ञान हो व आवश्यकतानुसार उनमें सुधार व नये न्यायिक कानून नियम बनवाने का सामर्थ्य हो। 
  7. व्यक्तिगत, पारिवारिक, सगे संबंधियों और मित्रगण की चल-अचल संपति को कानूनवनियम के विरूद्धगलत तरीकों से बढ़ावा देने की लालसा नहीं रखे। “जीरो टोलरेन्स भ्रष्टाचार'' के सिद्धान्त को मानकर मजबूत शहरी नीतियां और प्लान बनवा उन्हें क्रियान्वयन में लाये। 
  8. चुनाव के उपरान्त दिन प्रतिदिन वार्ड, शहरवासियों से स्वयं मिल उनकी समस्याओं का अनुकलन कर समाधान निकालें।
  9. नगर निकाय की प्रत्येक मीटिंग में उपस्थित रहे वरचनात्मक चर्चा में शिष्टाचारपूर्वक पूर्ण जिम्मेदारी और गंभीरता से भाग लें। 
  10. कथनी व करनी में अन्तर नहीं रखे। व्यक्तिगत, सामाजिक व राजनीतिक भेदभाव से दूर रहकर उच्च मानवता के सिद्धान्तों को अपनाते हुए जनहित में कार्य करें।वार्ड व शहरवासियों के सार्वजनिक कार्यों में सहयोग लेने की क्षमता रखते हुए उन्हें प्रेरणापूर्वक प्रोत्साहन दें। हर कार्य में पारदर्शिता का परिचय दें।




Friday 10 October 2014

सड़क सुधार जागरूकता

सिनेमा टीवी ने बिगाड़ा माहौल, पढ़ाई लिखाई हो गई गोल ।
समाज का पीट गया ढोल, खुल गई सियायत की बड़ी पोल।

सुनो! हम सड़कों की खरी खोटी दुखी आवाज

"हम सड़को की हुई बद से बदतर हालत, जनमानस विचारा रोया
खा झटके पटके हम बीमारू सड़को पर, साहस धैर्य आप खोया
रिश्वत कमीशनरबोरी व लापरवाही का क्या बुरा जाल-हम सड़को का हुआ बडा बुरा हाल
हम सड़कों का महत्व: मोहल्ले गांव शहर से लेकर प्रदेश देश के विकास व आमजन की सुविधा और खुशहाली की हम सड़के भाग्य रेखायें और बेक बोन(रीढ़ की हड्डी) होती है। रिश्वत, कमीशनखोरी, लापरवाही, माल में मिलावट और भ्रष्टाचारियों की बेहद निजी लालची माफिया चाल की वजह से हमारीअत्यंत दुर्दशा बनी हुई है, जिससे हरेक वाहन फड़फड़ाता हुआ और वाहन चालक तथा राहगीर रोता,डरता, घबराता हुआ हम सड़कों पर से गुजरता है। टोल सड़क ठीक हैं लेकिन उनमें भी कमियां है। ग्रामीण-शहरी सड़कों की प्लानिंग से लेकर डिजाईन, मटेरियल निर्माण, देखरेख,सुरक्षा व प्रबंधन में सबस्तर पर कमियां है।
हम सड़कों की उबड़-खाबड़, नीची सतह, घटिया मटेरियल, जानलेवा गहरे खड्डे, कमर तोड स्फीड ब्रेकर, तलवार-चाकुनुमा धार की तरह नुकिले कटिले टेढ़े-मेढे किनारे, टेढ़ी-मेढ़ी छोटे मोटे तीखे पत्थर और कच्ची मिट्टी से सनी उबड़-खाबड़ पट्टी पठार, संकड़े मकड़े बिना रेलिंग के खतरनाक काजवे व पुलिया व पुल, पैड़ों के अभाव में तेज धूपववत् से जलता कटता हम सड़कों का कमजोर ढांचा, शहर के गली सड़कों पर पाईपलाइन बिछानेसे बेशुमार कट्स, खुलीनालीयां, बार बार घटिया उबड़ खाबड़ पेचवर्क और मरहमपट्टी, ऊपर से उजाड, आवारा पशुओं का घुमता बैठा झुण्ड और इन सब कमियों को दबाने के लिए कागजों, फाईलों और आंकड़ों में फंसा ऊलझा चतुर व चालाक सरकारी लामजामा कहते हुए अपर्याप्त स्टाफ की कहानी और रोना-धोना, हरेक स्तर पर फाईलों की कछुआ चाल और वे रीसीट डिस्पेच की पड़ी उलझन में रोती, और घोर लापरवाही। यह सब परेशानियां मिलकर दर्शाती है। हमारा बिगड़ा स्वरूपव चेहरा और इसलिए सुनो हम सड़कों का यह बड़ा दर्दभरा बखान।
हम दुर्भाग्यशाली सड़कों पर हर रोज कई राहगीरों के टूटते है शरीर और वाहन। भ्रष्टतंत्र के बढ़ते लालच और लापरवाही से होता आमजनवदेश का बड़ा नुकसान।।झूठी सियासत, झूठी अफसरी और झूठी शान के अहंकार में खो दिया इन्होंने अपना ईमान।बिगड़ा इनका चरित्र, बिगड़ा परिवार, बिगड़ी इंसानियत और हैं गोरे-काले देशी अंग्रेज बिगड़े ये इंसान।। भाई-बहन! सब बचो बचाओ हम सड़क दुर्घटनाओं से और बचाओ अपनी कीमती जान । भ्रष्टतंत्र को करो नहीं अब माफ, दो सजा फांसी की और पहुंचाओ इनको शमशानव कब्रिस्तान।
सड़कें हम फिर बोली :- देखो! जनता लाई है सियासत में चमत्कारी परिवर्तन, लेकिन नहीं बदलता दिखता सियासत का चालचलन! जागो-जागो। सुस्त आरामपरस्त शासक, प्रशासक, नौकरशाही, बनो चुस्त दुरूस्त देशभक्त ईमानदार। त्यागो अहंकार, पार्टी बाजी, नकली नेतागिरी, (जो नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का चरित्र नहीं दर्शाते ), लापरवाही, रिश्वत व कमीशनखोरी। आया है राजप्रधानमंत्री भाई नरेन्द्र मोदी जी का चलेगी नहीं तुम्हारी पुरानी थ्योरीलाओ ईमानदार और सक्षम योग्यठेकेदार। शिड्यूलरेट से नीचे नहीं करो टेण्डर स्वीकार! करो कार्य की साइट पर अच्छी देखभाल, चाहे कार्य हो सी.पी. मोड(कांट्रेक्ट पब्लिक मोड) या पी.पी.पी. मोड़ (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशीपमोड। दिखाओ जौहर, बनो देशभक्त। सही डिजाईन की मजबूत गुणवान हम सड़कों को जिन पर जनता को नाज हो। तारीफ सियायत की आज हो और भ्रष्टाचारियों का पूर्ण विनाश हो। धन्यवाद।जय हिन्द।
पढ़ो-पढ़ाओ, अच्छे संस्कार बचाओ, बिजली बचाओ, पानी बचाओ, पर्यावरण बचाओ, सड़कों पर अपनी जान बचाओ।
जय हिन्द जय भारत


Monday 6 October 2014

वृद्धजन दिवस व गांधी जयंती

वृद्धजन दिवस व गांधी जयंती के
शुभ अवसर पर संवेदना
सुनो ! दु:खी आमआदमी की खरी-खोटी आवाज।
प्रभावी सामाजिक जा चेतना, जागरूकता, सक्रियता और
सेक्टर मोहल्लेवार जरुरी है मजबूत जान-कल्याण मंच का गठन
  • राज बदले या ना बदले, आता नहीं कोई बदलाव और जनता की किस्मत भी नहीं बदल पाती -वैसा ही दुःखी माहौल, रैलिया, धरने, हड़ताल, लड़ाई - दंगे, झगड़ा - फसाद, चोरिये, भ्रष्टाचार बलात्कार खुदकुशी, जमाखोरी, चोर बाजारी, उँची कीमत पर नकली सामान बेचने का चलन, रिश्वत खोरी, कमीशन खोरी से घटिया सार्वजनिक निर्माण कार्य और सड़को में खड्डे तथा भवनों में दरारे लेकिन बदनाम होते ठेकेदार, सड़क - गलियों में कूड़े-कचरे व गन्दगी का ढेर ओर पशुओं का बोल - बाला, बिना नियंत्रण व रात को बिना डिप्पर मारे तेजी से दौड़ते ट्रोले, ट्रक व कई वाहन व खतरनाक दुर्घटनाएँ अस्पतालों में मरीजों की भीड़ और मरते मरीज, फैक्ट्रियों में दुर्घटनाएँ, अधिकारी - कर्मचारी व फेक्ट्री मालिकों के बीच राजनेताओं की मारोममार, तबादला व एपीओ का डरावना व्यापार, सियासी बैठकों तथा जनसुनवाईयों व कागजी आंकडों का दिखावटीपन, फर्जीवाड़ा, अवैध खनन, जमीनी भू-माफियों का दबदबा बरकरार, बेरोजगारी, बिजली-पानी की किल्लत, बी पी एल व सामाजिक पेंशन में गडबड़िये, मनरेगा के घोलमोल परिणाम, सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम का डगमगाता खेल और उप चुनावों में दुर्भाग्यवश राज्य सरकार हुई फेल।
  • गरीब, मध्यम व अमीर जनता के विकास, उन्नति और खुशहाली में बाधक है पुराने ढर्रे पर चलता स्वार्थ भरा चापलूसी अंग्रेजी पारम्परिक प्रशासनिक लामजामा और अहंकारी राजनितिक ढाचा तथा सड़े-पुराने कानून और कोर्टों में लम्बी-लम्बी पेशीयें और बरसों बाद फैसले जिन पर भी अपीलों का ढ़ता दबाव एवं एक से दुसरी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते-लगाते जूते ही नही घिसते बल्कि बैचारे आम आदमी का शरीर, दिमाग व आखिर में आत्मा भी घिसकर परमात्मा को प्यारी हो जाती है। तब तक भी अन्तिम सही फैसला नहीं मिल पाता है।
  • आज देश के आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी सोभाग्यवश भरसक कोशिश में लगे है कि देश में जनता को हर पेरशानी व पीड़ा से राहत दिलवाई जाये। क्या आप ग्राम पंचायत से लगाकर पंचायत समिति, नगर पालिका, जिला परिषद, विभिन्न स्तर पर प्रशासन जिले | से लेकर राज्य विधानसभा तक तथा शिक्षण-संस्थाएँ, जन प्रतिनिधि महानुभाव व आम नागरिक माननीय प्रधानमंत्री जी के कदम से कदम। मिलाकर उनका साथ देने को तैयार है? क्या अपने स्वयं की तरफ से भी जनहित के सभी कार्य निःस्वार्थ भाव से करने को तैयार हैं।
  • कृपया सोचिए और साहस व इमानदारी रख कर दिखाईये जन भलाई के सभी कार्य,जिससे आपका जीवन तो सफल होगा ही साथ ही देश के 125 करोड़ जनमानस का जीवन भी सफल हो जायेगा। आदर सहित ! धन्यवाद


Thursday 2 October 2014

स्वच्छ भारत अभियान

न गंदगी करूंगा, न गंदगी करने दूंगा
अभियान को खुशी से अपनावें और चलाए

स्वच्छ भारत अभियान

(पहले सफाई सप्ताह)
(2 अक्टूबर 2014 से देश भर में सफाई अभियान)

कचरा फेंकना, गंदगी करना, गंदगी में जीना, खुले में पेशाब व शौच-टट्टी करना तथा जल व हवा को गंदा करना बड़ा पाप है और पशुवत के समान जीवन जीना है। आप नेक इंसान हैं । कृपया पशुवत जीवन जीना 2 अक्टूबर को खुद झाडू लगाने स्वीकार न करें । गर्व और स्वाभिमान से मूल्यवान स्वच्छ मनुष्य जीवन जीएँ।

- डॉ. भगवतसिंह तंवर, पूर्व चीफ इंजीनियर पर्यावरणविद्
आजादी व लोकतंत्र गौरवमयी सुन्दर जिंदगी जीने को है, कुडे, कचरे और गंदगी में जीने को नहीं।
  1. निर्मल भारत अभियान.: पिछले कई वर्षों में “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान (TSC)' चल रहा है, जिसकी धीमी गति से परिणाम अधूरे रहे हैं। स्वच्छता आमजन के स्वास्थ्य, बेहतर आय, पोषण और तंदुरूस्त जिंदगी जीने का साधन है। 
  •  घर-घर व सार्वजनिक स्थान पर मुत्रालय व शौचालय बनाना जरूरी है। इनकी बड़ी कमी है।

स्वच्छता रखने के लिए 7 बिन्दू का अपनाना जरूरी है।
पहला-पेयजल स्वच्छ रखना। दूसरा - घर के गन्दे पानी का उचित उपयोग व निकास। तीसरा - मानव मल का सुरक्षित निपटान। चौथा- घर के कुड़े-कचरे व गोबर का सही निस्तारण। पांचवा- घर में रसोई व भोजन की स्वच्छता। छठा - शरीर की सफाई और सातवां -मौहले, गांव, शहर की सफाई
2. स्वच्छ भारत अभियान : विशेषकर उपरोक्त सांतवें बिन्दू के अन्तर्गत देश के शहरों और गांवों के हरेक मौहल्ले में गंदन नालियां और कचरे गंदगी के ढेर देखने को मिलते है। लोगों को रस्ते में चलते थूकना, दीवाल के सहारे पेशाब करना, मूंगफलीकेले व अन्य वस्तुओं के छिलके तथा बिड़ी-सिगरेट के टुकड़े बसों व रेल गाड़ी में छोड़ना व सड़क पर फेंकना, कागज व प्लास्टिक की थैलियां व पैकिंग फेंकना और गाजर घास को फैलते हुए व पशुओं को रस्ते पर देखना साधारण सी बात है। सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता बिल्कुल नहीं होने की वजह से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 2 अक्टूबर से स्वच्छ भारत अभियान पूरे देश में प्रारम्भ किया जा रहा है। 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक “राष्ट्रीय स्वच्छता जागरूकता सप्ताह' का शुभारंभ हुआ है। प्रत्येक शहर-गांव में स्वच्छ पर्यावरण का वातावरण तथा स्वच्छ निरोगी समाज निर्माण के उद्देश्य से स्वच्छ भारत अभियान” बहुत महत्वपूर्ण और अहम है। 
  • विश्वभर के पर्यटकों को देश में आकर्षित करने के लिए विकसित देश की तर्ज पर व खासकर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्तौड़ के उच्च श्रेणी की स्वच्छता दोनों सार्वजनिक व निजी स्थानों पर जरूरी है, जिसमें श्रमदान द्वारा प्रत्येक नागरिक की सहभागिता-भागीदारी बहुत आवश्यक है। सभी विकसित विदेशों में हरेक नागरिक सहर्ष स्वच्छता की अपनी जिम्मेदारी निभाता है। जापान में स्कूल-कॉलेज के छात्र प्रत्येक दिन एक घंटे वहां की सफाई करते हैं। तो हमारे छात्र ऐसा क्यों नहीं कर सकते, कृपया सोचिए और सफाई व स्वच्छता के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं। केवल सफाई कर्मचारी के सहारे शहर-गांव साफ नहीं रखे जा सकते। सड़कों के किनारे पेड़ लगाने व उनकी देखभाल भी जरूरी है। 
  • निजी स्थानों को साफ-सुथरे-सुन्दर' रखने के अलावा कृपया आईये हम संकल्प लें कि बिना हिचक व.शर्म किये सप्ताह में एक दिन अवश्य सामूहिक श्रमदान कर सार्वजनिक स्थान-मौहल्ले की सड़कें, गलियां, नालियां, पार्क, बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेशन, जल स्रोत तालाब, एनीकट, नाले व नदियां अस्पताल, जन सुविधाएं, ज़न कार्यालय, बाजार इत्यादि साफ-सुथरे रखने तथा शहर-गांव में पेड़-पौधो जीवित रखने में पूर्ण योगदान करेंगे। गंदगी नहीं करेंगे एवं न गंदगी करने देंगे।