Friday 10 October 2014

सड़क सुधार जागरूकता

सिनेमा टीवी ने बिगाड़ा माहौल, पढ़ाई लिखाई हो गई गोल ।
समाज का पीट गया ढोल, खुल गई सियायत की बड़ी पोल।

सुनो! हम सड़कों की खरी खोटी दुखी आवाज

"हम सड़को की हुई बद से बदतर हालत, जनमानस विचारा रोया
खा झटके पटके हम बीमारू सड़को पर, साहस धैर्य आप खोया
रिश्वत कमीशनरबोरी व लापरवाही का क्या बुरा जाल-हम सड़को का हुआ बडा बुरा हाल
हम सड़कों का महत्व: मोहल्ले गांव शहर से लेकर प्रदेश देश के विकास व आमजन की सुविधा और खुशहाली की हम सड़के भाग्य रेखायें और बेक बोन(रीढ़ की हड्डी) होती है। रिश्वत, कमीशनखोरी, लापरवाही, माल में मिलावट और भ्रष्टाचारियों की बेहद निजी लालची माफिया चाल की वजह से हमारीअत्यंत दुर्दशा बनी हुई है, जिससे हरेक वाहन फड़फड़ाता हुआ और वाहन चालक तथा राहगीर रोता,डरता, घबराता हुआ हम सड़कों पर से गुजरता है। टोल सड़क ठीक हैं लेकिन उनमें भी कमियां है। ग्रामीण-शहरी सड़कों की प्लानिंग से लेकर डिजाईन, मटेरियल निर्माण, देखरेख,सुरक्षा व प्रबंधन में सबस्तर पर कमियां है।
हम सड़कों की उबड़-खाबड़, नीची सतह, घटिया मटेरियल, जानलेवा गहरे खड्डे, कमर तोड स्फीड ब्रेकर, तलवार-चाकुनुमा धार की तरह नुकिले कटिले टेढ़े-मेढे किनारे, टेढ़ी-मेढ़ी छोटे मोटे तीखे पत्थर और कच्ची मिट्टी से सनी उबड़-खाबड़ पट्टी पठार, संकड़े मकड़े बिना रेलिंग के खतरनाक काजवे व पुलिया व पुल, पैड़ों के अभाव में तेज धूपववत् से जलता कटता हम सड़कों का कमजोर ढांचा, शहर के गली सड़कों पर पाईपलाइन बिछानेसे बेशुमार कट्स, खुलीनालीयां, बार बार घटिया उबड़ खाबड़ पेचवर्क और मरहमपट्टी, ऊपर से उजाड, आवारा पशुओं का घुमता बैठा झुण्ड और इन सब कमियों को दबाने के लिए कागजों, फाईलों और आंकड़ों में फंसा ऊलझा चतुर व चालाक सरकारी लामजामा कहते हुए अपर्याप्त स्टाफ की कहानी और रोना-धोना, हरेक स्तर पर फाईलों की कछुआ चाल और वे रीसीट डिस्पेच की पड़ी उलझन में रोती, और घोर लापरवाही। यह सब परेशानियां मिलकर दर्शाती है। हमारा बिगड़ा स्वरूपव चेहरा और इसलिए सुनो हम सड़कों का यह बड़ा दर्दभरा बखान।
हम दुर्भाग्यशाली सड़कों पर हर रोज कई राहगीरों के टूटते है शरीर और वाहन। भ्रष्टतंत्र के बढ़ते लालच और लापरवाही से होता आमजनवदेश का बड़ा नुकसान।।झूठी सियासत, झूठी अफसरी और झूठी शान के अहंकार में खो दिया इन्होंने अपना ईमान।बिगड़ा इनका चरित्र, बिगड़ा परिवार, बिगड़ी इंसानियत और हैं गोरे-काले देशी अंग्रेज बिगड़े ये इंसान।। भाई-बहन! सब बचो बचाओ हम सड़क दुर्घटनाओं से और बचाओ अपनी कीमती जान । भ्रष्टतंत्र को करो नहीं अब माफ, दो सजा फांसी की और पहुंचाओ इनको शमशानव कब्रिस्तान।
सड़कें हम फिर बोली :- देखो! जनता लाई है सियासत में चमत्कारी परिवर्तन, लेकिन नहीं बदलता दिखता सियासत का चालचलन! जागो-जागो। सुस्त आरामपरस्त शासक, प्रशासक, नौकरशाही, बनो चुस्त दुरूस्त देशभक्त ईमानदार। त्यागो अहंकार, पार्टी बाजी, नकली नेतागिरी, (जो नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का चरित्र नहीं दर्शाते ), लापरवाही, रिश्वत व कमीशनखोरी। आया है राजप्रधानमंत्री भाई नरेन्द्र मोदी जी का चलेगी नहीं तुम्हारी पुरानी थ्योरीलाओ ईमानदार और सक्षम योग्यठेकेदार। शिड्यूलरेट से नीचे नहीं करो टेण्डर स्वीकार! करो कार्य की साइट पर अच्छी देखभाल, चाहे कार्य हो सी.पी. मोड(कांट्रेक्ट पब्लिक मोड) या पी.पी.पी. मोड़ (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशीपमोड। दिखाओ जौहर, बनो देशभक्त। सही डिजाईन की मजबूत गुणवान हम सड़कों को जिन पर जनता को नाज हो। तारीफ सियायत की आज हो और भ्रष्टाचारियों का पूर्ण विनाश हो। धन्यवाद।जय हिन्द।
पढ़ो-पढ़ाओ, अच्छे संस्कार बचाओ, बिजली बचाओ, पानी बचाओ, पर्यावरण बचाओ, सड़कों पर अपनी जान बचाओ।
जय हिन्द जय भारत