Monday 11 February 2019

चित्तौड़ फोर्ट फेस्टिवल - दिनांक 10 से 12 फरवरी 2019

चित्तौड़ फोर्ट फेस्टिवल - दिनांक 10 से 12 फरवरी 2019
(चित्तौड़गढ़ प्रशासन द्वारा संचालित)

हार्दिक अभिनन्दन
चित्तौड़ फोर्ट से राष्ट्र शक्ति एवं भक्ति सिखें अभियान


चित्तौड़ दुर्ग तीर्थराज को लाखों सैलानी हैं आते
दर्शन कर लगा माटी सिर पर ये वीर धन हैं पाते


प्रिय चित्तौड़ मेवाड़वासियों और देश विदेश के सैलानी पर्यटक बन्धुओं वन्देमातरम् !


प्रशासन चित्तौड़ ने फोर्ट फेस्टिवल का है किया पहला प्रयास
इन्हें कोटि कोटि धन्यवाद और हम रखें इसकी प्रतिवर्ष आश


  • यह बड़ा खुशी व हर्ष का विषय है कि चित्तौड़गढ़ प्रशासन ने पहली बार विचार कर तीन दिवसीय ‘‘चित्तौड़गढ़ फोर्ट फेस्टिवल-2019’’ का श्रेष्ठ पर्व ऋतुराज बसन्त पंचमी पर मनाने का बीड़ा उठाया है। इस पवित्र व साहसी कार्य के लिए राजस्थान सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, पर्यटन मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा, पुरातत्व मंत्री श्री गुलाकीदास कल्ला, गृहराज्य मंत्री/जिला प्रभारी मंत्री श्री भगवानलाल जाटव, सहकारिता मंत्री निम्बाहेड़ा से श्री उदयलाल आंजना, चित्तौड़ सांसद श्री सी.पी. जोशी, चित्तौैड़ विधायक श्री चन्द्रभानसिंह आक्या, कपासन विधायक श्री अर्जुनलाल जीनगर, बेगूं विधायक श्री राजेन्द्रसिंह विधुड़ी, बड़ीसादड़ी विधायक श्री ललित ओस्तवाल, जिला प्रमुख श्रीमती लीला जाट व पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत तथा साथ ही विशेषकर स्थानीय चित्तौड़गढ़ जिला प्रशासन की सिरमोर व सर्वमान्य जिला कलक्टर श्रीमति शिवांगी स्वर्णकार, जिलापुलिस अधीक्षक श्री अनिल कयाल व प्रशासन के सभी अधिकारी व कर्मचारी वर्ग का हृदय से पूर्ण सहयोग अत्यन्त प्रशंसनीय है। चित्तौड़गढ़ जनमानस की ओर से हार्दिक आभार व बधाई।
  • विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़ फोर्ट 600 फीट ऊँचाई पर 700 एकड़ क्षेत्र में ग्रीन विंध्याचल पहाड़ पर फैला हुआ केवल फोर्ट नहीं हैं बल्कि हिन्दुस्तान के तीर्थो में महान तीर्थराज चित्तौड़ दुर्ग है। यह किला 7वीं शताब्दी से पारम्परिक संस्कृति, कला, नृत्य व वास्तुकला की परम्पराओं के साथ महान मौर्य व शिशोदिया राजपूत महाराणाओं के इष्टदेव एकलिंगनाथ की कृपा से प्राचीन महान विरासत है। यहां लाखों-करोड़ों देश-विदेश के पर्यटक केवल पर्यटन की दृष्टि से नहीं बल्कि बड़ी श्रद्धापूर्वक दुर्ग दर्शन करने आते है-जिस पर भगवान नीलकंठ महादेव मन्दिर, लाॅर्ड विष्णु  कुम्भ श्याम मन्दिर, शक्ति की देवियां माता श्री कालिका, तुलजा, भवानी, अन्नपूर्णा, व बायण माता मन्दिर, चारभुजा मन्दिर, गणेश मन्दिर, कृष्ण भक्त मीरा मन्दिर, आदिनाथ मन्दिर, 24 जैन तीर्थन्कर (सातबीस देवरी) मन्दिर,राम मन्दिर, विक्ट्री टावर विजयस्तम्भ, टाॅवर आॅफ फेम कीर्तिस्तम्भ, कई राजपूत वास्तुकला में बने सुन्दर महल - महाराणा रतनसिंह महल, महाराणी पद्मिनी महल, महाराणा फतहसिंह महल फतहप्रकाश, वीर जयमल महल, दानवीर भामाशाह हवेली, तोपखाना, नवलखा भण्डार, व्यू पोईन्ट, वीर जयमल राठौड़ व फत्ता चुण्डा की छतरियें, पश्चिम दिशा में किले पर पहुंचने के सात प्रसिद्ध द्वार पाडन पोल से राम पोल, पूर्व में सूरज पोल व दक्षिण में लाखोटा बारी एवं कई सुन्दर जलाशय गौमुख, चतरंग, पद्मिनी, भीमलत, फतह तालाब, सुरजकुंण्ड, अन्नपूर्णा कुण्ड, कुकडेश्वर कुण्ड, रत्नेश्वर, भीमगोड़ी, नीलबाव व बोलिया तालाब आदि तथा दुर्ग पर चारों ओर परिधि पर बनी आश्चर्यजनक 15 किलोमीटर फोर्ट पाल व उतनी की सड़के जो कुल मिलाकर दुर्ग के चारों ओर फैली मनमोहक प्राकृतिक घनी हरियाली के सौन्दर्य से पूरे दुर्ग को श्रेष्ठ चार चांद लगाती दृष्टिगत होती है। दुर्ग की एक प्रसिद्ध कहावत है कि - गौमुख भरे झरना झरे यह निर्भय नाथ की ठौड़, हजारों साल तपस्या करें तब पावे गढ़ चित्तौड़ और सुनिये चित्तौड़गढ़ में राष्ट्र कवि जब्बार से:-



चित्तौड़ दुर्ग की कलाकृति और वैभव है अनमोल - 
शौर्य शिखर पर सूरज चमके बोले शक्ति व भक्ति के बोल।

बोले एकलिंग नाथ किले की काली भव्य भवानी से । 
बोले कृष्ण कन्हैया मीरा प्रेम दीवानी से।  
चन्दन का बलिदान यह बोला पन्ना तेरी कहानी से। 
यह प्रताप का ही प्रताप है जो चित्तौड़ खड़ा मर्दानी से ।। 


जय चित्तौड़  !  जय मेवाड़   !     जय राजस्थान   !   जय भारत   !   
जय विश्व    !   जय पृथ्वी     !     जय गगन, चांद व सूरज  ।

सौजन्य से: अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान चित्तौड़ीखेड़ा, चित्तौड़गढ़ राजस्थान, भारत