Tuesday 8 November 2016

नोटबंदी से नवयुग का सूत्रपात अभियान

आर्थिक क्रांति 2016
भारत माता की जय !
केश करन्सी का चलन घटाओ, डिजीटल प्रणाली भी अपनाओ
लेन देन में बैंको को आधार बनाओ, भ्रष्टाचार से मुक्ति पाओ
नोटबंदी से नवयुग का सूत्रपात अभियान
-: चर्चा, चेतना, चमत्कारी क्षण :-
डॉ. भगवत सिंह तंवर (तोमर), पूर्व चीफ इंजीनियर
अध्यक्ष - अरावली जल एवं पर्यावरण सेवा संस्थान
संरक्षक - वरिष्ठ नागरिक मंच, चित्तौड़गढ़
जल पर्यावरण सलाहकार - कई राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय गौरवशाली संस्थान
काले धन और नकली करंसी ने कर दिया भारी नुकसान, नई करेंसी के चलन में बचे देश की जान
अच्छी शिक्षा दीक्षा स्वास्थ्य व्यवसाय भोजन और प्रवास
जनता को ये सुविधाएँ देने का प्रधानमंत्री का है प्रयास|
प्रिय आदरणीय बंधुओं व बहनों,
जय हिन्द !
  • 8 नवम्बर 2016 नोटबंदी का दिन देश के लिए एक महान ऐतिहासिक उपलब्धि है । इसे ‘‘भ्रष्टाचार मुक्त दिवस" एवं "आर्थिक क्राति दिवस'' की संज्ञा दी जा सकती है। रूपये 500 व 1000 की नोटबंदी को पक्ष का भारी समर्थन एवं विपक्ष का भारी विरोध, आलोचना एवं लगातार हंगामा व कोहराम देखने सुनने को मिल रहा है। 90 फीसदी से अधिक आमजन ने नोटबंदी को सही बताया है। कारण कि --
  • भारत में 70 वर्ष की आजादी के बहुमुल्य लोकतंत्र की उदारवादी लचीली दयालु व्यवस्था का गलत लाभ उठाते हुए काले कुबेरों के बक्सों में भरे कालेधन, घरों व बैंको के लोकर्स में भरा काला सोना तथा शहरों में अपार काली संपत्ति ने देश में कई काले पापों को जन्म देते हुए राजनीतिक ढांचे एवं शासन - प्रशासन - न्यायिक व्यवस्था को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। काला धन देश के लिए कैसर बन चुका है। नोटबंदी के उपरान्त कारोबारी मालिक वर्ग गरीब मजदूर वर्ग को धमकी देकर कारोबार से बाहर निकालकर क्या दर्शाना चाहते है?
  • भारतवासी भगवान राम के समय से अत्यधिक धैर्य, सहिष्णुता एवं सहनशीलता का परिचय देते आए है? इस वजह से देशवासियों ने। सैकड़ों सालों की गुलामी में रह कर आज भी कई कष्ट भुगत रहे है-खतरनाक आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार से पनपे पंजीवाद, शिक्षा चिकित्सा में व्यापारवाद, व्यापार में लूटखसोट व हवालावाद, बाजारू वस्तुओं में जहरीला मिलावटवाद, शासन प्रशासन में भाई भतिजावाद, न्यायालय के फैसलों में घोर लेटलतीफवाद, सिनेमा, टीवी में प्रेस के द्वारा दशयेि मनोरंजन में भरपूर सेक्सवाद और इससे उपजे बलात्कारवाद का बोलबाला और सबसे दुखदायी पंचायत से लेकर पार्लियामेन्ट तक परिवारवाद ने लोकतंत्र की जड़े ही खोदकर रख दी है। सर्वजन शिक्षा व योग्यता को दरकिनार करते हुए तुष्टीकरण, अनुदान पर अनुदान, मुफ्त में वस्तुओं का वितरण, योजनाओं के क्रियान्वयन में आलसीपन तथा बेहद जातीय वोट बैंक की राजनीति ने जनता का ध्यान सामुहिक कठोर परिश्रम, ईमानदारी और योग्यता से हटा कर देश को कमजोर किया है।
  • दुर्भाग्यवश हर मौहल्ले, गांव व शहर की भारी गड्ढ़े वाली सड़को से लेकर दिव्यांग बनी संसद तक चारों ओर काले कारनामों, फर्जीवाड़ा, टैक्स चोरी एवं अनैतिकता ने देश को कई खतरनाक बुराईयों और बीमारियों से दूषित कर दिया है और देशवासियों के जीवन को अप्राकृतिक व असक्रिय बनाकर रख दिया है। अब फिर से देश को एक नये महान चमत्कारी कृष्ण की जरूरत है, जो आज की महाभारत की लड़ाई में चमत्कार दिखा कर नई गीता का उपदेश देते हुए क्रांतिकारी परिवर्तन ला सके| नई केशलेस आर्थिक क्रांति में बैंको को बनना होगा कुरूक्षेत्र का मैदान और तीर साबित होगें आधार कार्ड। कुछ बैंक अधिकारी लक्ष्मण रेखा पार कर रहे है जो उनके हित में नहीं है।
  • इस कष्टदायी प्रदूषित वातावरण को सुधारने में आज निसंदेह वीर, साहस व जनप्रिय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भगवान राम की मर्यादा का पालन करते हुए आधुनिक काले राक्षसों से दुखदायीं जनता का बचाव करने का बीड़ा उठाया है। जिसमें नोटबंदी तो एक प्रारम्भिक पहला कदम है। धैर्य रख इस क्रांतिकारी कदम में देश हित को सर्वोपरि मानते हुए नोटबंदी के कार्यक्रम को सहर्ष अपनाईएँ, महान परिवर्तन लाईये और व्यवस्था के सुधार में भागीदार बनिये। 
  • कृपया आप अपने विवके का इस्तेमाल कर नोटबंदी से उपजे विवाद का विश्लेषण कर स्वयं के व राष्ट्र के नफे नुकसान का सोचिये। किसी वर्ग के बहकावे में मत आईये। हिन्दुस्तान को विश्व के सम्पूर्ण देशों की पहली पंक्ति में खड़ा करने हेतु अपनी अहम भूमिका निभाईये। वीरता दिखाते हुए कष्ट सहन करें और नये युग के सूत्रपात व संचार में भरपूर समर्थन दे। सहयोगी बनिये। धन्यवाद !